MIDC अमरावती RO कार्यालय में ACB की बड़ी कार्यवही रंगे हाथ पकड़ा रिश्वत लेते, आरोपी करता है किसके लिए काम अब उस एंगल की हो जाँच

इस रिश्वत में और भी कई भागेदार अब उस एंगल से की जाए जाँच, सरकार को बदनाम करने में तुले इस विभाग के मुंबई में बैठे अधिकारी 

अमरावती- संक्षेप में, इस मामले में शिकायतकर्ता के पास एमआईडीसी, अमरावती के अंतर्गत नंदगांव पेठ में अपनी बहन के नाम पर एक भूखंड है। चूंकि शिकायत कर्ता के पिता को मुंह का कैंसर है और इलाज के लिए पैसे की जरूरत है, इसलिए उक्त प्लॉट सरेंडर कर दिया गया और उसके बदले राशि 9,30,000/- रुपये जल्द देने के लिए एमआईडीसी अमरावती आर ऑ ऑफिस में कार्यरत ढोर ने 31/01/2025 को 25,000/- रूपये की रिश्वत की मांग की और इस संबंध में अमरावती के ACB कार्यालय में शिकायत दर्ज कराई गई थी.

उक्त शिकायत पर दिनांक 03/02/2025 एवं दिनांक 04/02/2025 को पंचो के समक्ष सत्यापन प्रक्रिया के दौरान यह उल्लेख किया गया कि भ्रष्टाचारी ढोर ने पांच हजार रूपये स्वीकार किये यह मान्य किया और बचे १० हजार अभी लाके देनो को कहा और बचे १० हजार काम होने के बाद देने की बात स्वीकार की.

04 फरिवारी को पंचो के समक्ष आयोजित ट्रैप कार्यवाही के दौरान ढोर को रंगे हाथों गिरफ्तार कर लिया गया है क्योंकि उसने उक्त प्लॉट की फाइल को जल्द से जल्द मंजूरी देने के लिए 10,000/- रुपये की रिश्वत की पहली किस्त स्वीकार ते हुए रंगे हाथ पकड़ा गया । आरोपी ढोर के विरुद्ध अमरावती शहर के राजापेठ में मामला दर्ज करने की प्रक्रिया चल रही है.

उक्त कार्यवाही का श्री  मारुति जगताप, पुलिस अधीक्षक, भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो, अमरावती परिक्षेत्र, अमरावती, माननीय. सचिन्द्र शिंदे, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक, भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो, अमरावती सर्कल, अमरावती, श्री. मंगेश मोहोड़, पुलिस उपाधीक्षक, लो.प्रा.वि., अमरावती के मार्गदर्शन में ट्रैप अधिकारी पी.एन. भरत जाधव, साथ ही पी.एन. केतन मंजारे, पी.ओ. संतोष तागड़, प.हवा. प्रमोद रायपुरे, पुलिस कांस्टेबल उपेन्द्र थोरात, युवराज राठोड, आशीष जम्भोले, शैलेश कडू, पौपानी सतीष किटुकले ने किया।

MIDC में ACB का छापा यह दर्शाता है की भ्रष्टाचार किस हद तक बढा है..

MIDC के प्रादेशिक अधिकारी कार्यालय,अमरावती में ACB का छापा पडा जिसमे एक बड़े अधिकारी  के लिये वसुली करने वाला बाबू श्री ढोरे पुलिस के हाथ लगा हैं.एक उधोजक की लेखी शिकायत पर यह कार्यवाही एसीबी द्वारा की गई.
सभी उद्योजक जानते है की midc प्रादेशिक कार्यालय अमरावती एवं अकोला में बिना पैसे दिये कोई भी काम नही किया जाता, यह शिकायत पिछले कई दिनों से उद्योजक द्वारा लगातार की जा रही थी, संघटन द्वारा जब इस विषय मे प्रादेशिक अधिकारी एवं मुंबई मे बैठे उप मुख्य कार्यकारी अधिकारी से शिकायत की गई तब उन्होने स्पष्ट कहा कि हमे उपर सें टार्गेट हैं एवं उस टार्गेट को पुरा करना है.टार्गेट को पुरा करने में यह अधिकारी यह भी भूल गये की उपर की पुरी व्यवस्था ही बदल गयी हैं. अब टार्गेट वसुली का नही उधोजको के कार्य गती सें पूर्ण करने का दिया जाता हैं. भ्रष्टाचार में अंधे हुए अधिकारीयो को उद्योजक के सामान्य कार्य रोज की शिकायतें नजर नही आयी. इस बाबू सें जब पुलिस अपने अंदाज में पूछताछ करेगी तो इस जाचं की आचं midc के मुख्यालय मुंबई तक जरूर पहुचेगी.- सुरेश काबरा, अध्यक्ष – MIDC प्लोट ओनर्स असोशिएशन

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