जाने फिटकरी कैसे बनती है? और क्या इसका इस्तेमाल औषधियों में भी होता है?

सालों से हम के सब के घरों में फिटकरी का इस्तेमाल होता आ रहा है। फिटकरी एक रंगहीन क्रिस्टलीय पदार्थ होता है l इसका रासायनिक नाम “पोटैशियम एल्युमिनियम सल्फेट”  है और इसे ‘पोटाश एलम’ या ‘एलम’ भी कहा जाता है। एलम का उपयोग मुख्य रूप से रंगाई उद्योग में किया जाता था, जो कपड़े की रंगाई के लिए एक संयोजक के रूप में इस्तेमाल किया जाता था, लेकिन इसका उपयोग चमड़े को संरक्षित करने के लिए, कागज बनाने में, अग्निरोधी के रूप में भी किया जाता है।

नैसर्गिक दौर पे पाए जानेवाले Alum shales से बड़ी मात्रा में एलम क्रिस्टल्स बनाए जाते है l यह एक जटिल प्रक्रिया है एक टन फिटकरी का उत्पादन करने के लिए आपको १०० टन तक Alum shales की आवश्यकता होगी।

घर पर फिटकरी बनाने की प्रक्रिया–

  • सबसे पहले आधा कप गर्म पानी को जार में डालें।
  • अब इसमें फिटकरी पाउडर डालकर मिलाएं।
  • पेपर टॉवेल या कॉफी फिल्टर पेपर से जार को थोड़ा सा ढ़क दें ताकि उसमें धूल ना जा सके।
  • कुछ घंटों बाद आप जार में छोटे-छोटे फिटकरी के टुकड़े देख सकेंगे।
  • फिटकरी के इन छोटे टुकड़ों को बड़ा करने की प्रक्रिया भी बहुत आसान है।

फिटकरी के कुछ बेहतरीन फायदे:

आयुर्वेद में इसके कई फायदों का उल्लेख किया गया है l इसका भस्म के रूप में उपयोग किया जाता है जिसे बनाना कई आसान है l फिटकरी को खुली हवा में एक पैन में तब तक गर्म किया जाता है जब तक कि इसमें स्थित सभी नमी उड़ न जाए l अंत में सफेद रंग का फिटकरी भस्म प्राप्त होता है l यह स्वाद में कसैला, मधुर, अम्ल होता है l इसमें रक्तस्तंभक, कृमिनाशक, ज्वरहर, खुजली नाशक, एंटी बैक्टीरियल गुण होने से यह त्वचाविकार, रक्तस्राव विकार, श्वसन संबंधी रोगों में इस्तमाल किया जाता है स्फटिका भस्म (शुद्ध फिटकरी) एक ब्लीचिंग एजेंट और एंटी-सेप्टिक भी है l यह रोगजनकों द्वारा बनाई गई परत को मिटाकर संक्रमण फैलने से रोकता है l

  1.  कील मुहासे के दाग- फिटकरी के प्रयोग से हर प्रकार के कील -मुहासों के दाग और काले धब्बे ठीक होते हैं। फिटकरी के घोल को मुहासों के दाग पर २० मिनट तक लगाकर रखें और फिर साफ पानी से धुलें इससे सारे दाग ठीक होते हैं।
  2. चोट लग गई हो या किसी कट की वजह से ब्लीडिंग हो रही हो तो घाव में फिटकरी घिसकर लगाने से कुछ मिनटों मे खून का बहना बंद हो जाता है। हालांकि इसका इस्तेमाल छोटे कट या घाव के लिए ही उपयोगी है। फिटकरी की ज्यादा मात्रा शरीर में जाना हानिकारक हो सकता है इसलिए इसे बच्चों की पहुंच से दूर रखें।
  3. दुर्गंध मिटाने के लिए – फिटकरी का प्रयोग नेचुरल डियोडेरेंट के रूप में भी किया जाता है। पसीना के कारण बगलों से आने वाली स्मेल को फिटकरी के प्रयोग खत्म किया जा सकता है। लेकिन इसका इस्तेमाल रोज नहीं करना चाहिए।
  4. मुंह के छालों में – फिटकरी के प्रयोग से मुंह के छाले भी दूर किए जा सकते हैं। फिटकरी का घोल मुंह के छाले या घाव में ३० सेकंड तक लगाकर रखें और फिर साफ पानी से कुल्ला करें l ऐसा दिन मे दो-तीन बार करने से मुंह के छाले ठीक होने में सहायता होती हैं l
  5. माउथवॉश के लिए -मुंह की गंदी बदबू के मुख्य कारणों में से एक निश्चित रूप से बैक्‍टीरिया की उपस्थिति होती है, जो अक्‍सर विषाक्त पदार्थ और एसिड बनाते हैं। एलम युक्त माउथवॉश से मुंह की सफाई करने से बैक्‍टीरिया के विकास को रोका जा सकता है। इस प्रकार आप फिटकरी का उपयोग करके मुंह से आने वाली बदबू को दूर कर सकते हैं।
  6. चेहरे की स्किन टाइट करने के लिए – चेहरे की स्किन टाइट करने के भी फिटकरी प्रयोग प्रभावकारी है। इसके लिए गुलाब जल यानी रोज वॉटर के साथ फिटकरी अपने चेहरे पर आंखों को बचाते हुए लगाएं तो त्वचा में कसावट आती है। इससे स्किन के दाग धब्बे मिट दूर होकर त्वचा में निखार आता है।
  7. फटी एड़ियों का उपचार- एक छोटे बर्तन में फिटकरी को गर्म किया जाता है। यह पिघलने के साथ फोम भी बनाता है। जब यह पूरी तरह से वाष्पित हो जाता है तो इसे ठंडा होने के लिए छोड़ दें। फिर इसके टुकड़ों का बारीक पाउडर बना कर नारियल के तेल के साथ मिलाकर पैरों में लगाया जाता है।
  8. बुखार और खांसी जैसी शारीरिक समस्याओं के लिए भी फिटकरी बहुत फायदेमंद है। एक अध्ययन के अनुसार, फिटकरी के इस्तेमाल से हे फीवर (मौसमी एलर्जी) जैसी बीमारियों से राहत पाई जा सकती है। खांसी और दमा में भी फिटकरी फायदेमंद हो सकती है।

इसका इस्तेमाल करने से पहले वैद्यकीय सलाह ज़रूर लें 

  • पोटैशियम एलम त्वचा को कमजोर कर सकता है। इसलिए इस्तेमाल करते हुए इस बात का ध्यान रखें।
  • लंबे समय तक फिटकरी का सेवन करने से कैंसर और अल्‍जाइमर आदि होने की आशंका बन जाती है।
  • एलम का अधिक उपयोग आपके लिए कई समस्याएं पैदा कर सकता है जैसे कि पेचिश, त्वचा का सूखापन आदि ।
  • अगर आपकी त्वचा नाजुक है तो फिटकरी का ज्यादा इस्तेमाल त्वचा पर चकत्ते और लाली जैसी परेशानी को बढ़ा सकता है।

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