मुंबई- उत्तर भारत में समुद्र तल से दस से बारह किमी ऊंचाई पर, 250 से 260 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से तेज़ ‘पश्चिमी’ हवाएँ चल रही हैं। इन हवाओं का असर महाराष्ट्र के मौसम पर पड़ रहा है। पर्यावरण में आये इस बदलाव के कारण राज्य में औद्योगिक गतिविधियों में वृद्धि हुई है। इससे पिछले कुछ दिनों से गायब ठंड फिर से तेज हो गई है और ओलावृष्टि बढ़ गई है।भारतीय मौसम विभाग का अनुमान है कि उत्तर से चलने वाली इस हवा के कारण आज से 3 दिनों तक राज्य में शीतलहर जारी रहेगी।
राज्य के ऊपर हल्की हवा का उच्च दबाव क्षेत्र बनने के कारण प्रतिचक्रवातीय हवाएँ दक्षिणावर्त दिशा में घूमती हैं। उत्तर भारत में पश्चिमी मॉनसून के कारण वहां बारिश का संकट पैदा हो गया है। इस बीच, नया पश्चिमी जंजावाता भी आने की तैयारी कर रहा है। मौसम की इस स्थिति का असर महाराष्ट्र पर पड़ रहा है।
10 जनवरी तक रहेगी ठंड
भारतीय मौसम विभाग के पूर्वानुमान के मुताबिक 10 जनवरी तक प्रदेश में ठंड का जोर जारी रहेगा। यह शीतलहर मुंबई, कोंकण और पूरे महाराष्ट्र में महसूस की जाएगी। इसलिए मुंबई समेत कोंकण में सुबह का न्यूनतम तापमान औसत से कम देखने को मिलेगा। मुंबई समेत इलाके के तापमान में औसतन 2 डिग्री की गिरावट आएगी।
तीन दिन बाद ऐसा रहेगा मौसम
आज से तीन दिन यानी 10 जनवरी तक प्रदेश में ठंड का जोर जारी रहेगा. शनिवार के बाद यानी 11 जनवरी से लेकिन मुंबई समेत पूरे महाराष्ट्र में न्यूनतम तापमान बढ़ेगा और ठंड का जोर कम हो जाएगा। इस बीच, मध्य महाराष्ट्र और मराठवाड़ा में बादल छाए रहने की संभावना है।
उत्तर महाराष्ट्र में न्यूनतम तापमान 10 डिग्री से कम
राज्य में ठंड का जोर उत्तरी महाराष्ट्र में ज्यादा है। उत्तरी महाराष्ट्र में न्यूनतम तापमान 10 डिग्री सेल्सियस से नीचे चला गया है। मंगलवार को राज्य में सबसे कम तापमान जलगांव में 8.8 डिग्री दर्ज किया गया। धुले और निफाड में भी पारा 10 डिग्री से नीचे चला गया। मौसम की इस स्थिति को देखते हुए अगले तीन दिनों तक उत्तर महाराष्ट्र समेत पूरे राज्य के न्यूनतम तापमान में 2 से 3 डिग्री की गिरावट होने की संभावना है।