अकोला- एसटी महामंडल घाटे में जाने के कारण टिकटों में वृद्धि होने के संकेत खुद महामंडल के अध्यक्ष भरत गोगावले ने दिए हैं. इसलिए जनवरी महीने में एसटी का किराया बढ़ने की पुष्टि हो गई है. एसटी ने राज्य सरकार को 14.13 प्रतिशत किराया वृद्धि का प्रस्ताव दिया है. यह प्रस्ताव मंजूर होने पर शिवनेरी के किराए में 70 रुपये की वृद्धि होगी, जबकि साधारण एसटी का टिकट 60 से 80 रुपये महंगा होगा. इसका असर राज्य के यात्रियों पर पड़ेगा.
महामंडल के बेड़े में लगभग 14 हजार बसें हैं. इनसे प्रतिदिन लगभग 60 लाख यात्री यात्रा करते हैं. इससे महामंडल के खजाने में अनुमानित 23 करोड़ रुपये की आय होती है. लेकिन महामंडल को मासिक यात्री आय और खर्च में तालमेल बैठाने में तीन करोड़ रुपये का घाटा सहना पड़ता है. इसलिए महामंडल ने किराया वृद्धि का प्रस्ताव तैयार किया है. महामंडल ने राज्य सरकार को 14.13 प्रतिशत किराया वृद्धि का प्रस्ताव दिया है. इससे पहले 26 अक्टूबर 2021 को महामंडल की 17.17 प्रतिशत किराया वृद्धि हुई थी.
विधानसभा चुनाव से पहले ही महामंडल ने किराया वृद्धि का प्रस्ताव प्रस्तुत किया था. लेकिन शिंदे सरकार के समय यह प्रस्ताव स्थगित कर दिया गया था. पिछले दो वर्षों में चार बार किराया वृद्धि का प्रस्ताव महामंडल ने राज्य सरकार को दिया. एसटी की किराया वृद्धि एक विशेष सूत्र के अनुसार तय की जाती है. इस सूत्र में मुख्य रूप से कर्मचारियों का बढ़ता वेतन, बढ़ती ईंधन दर, स्पेयर पार्ट्स की बढ़ती कीमत और टायर लुब्रिकेंट की बढ़ती दरें ये चार घटक कारणीभूत होते हैं. किराया वृद्धि का प्रस्ताव राज्य परिवहन प्राधिकरण के पास जाता है. राज्य परिवहन प्राधिकरण में राज्य के वित्त सचिव, परिवहन सचिव और परिवहन आयुक्त शामिल होते हैं. इस समिति की अंतिम मंजूरी आवश्यक होती है. हालांकि, किराया वृद्धि कब करनी है. इसका निर्णय राजनीतिक होता है.