नई दिल्ली – वैज्ञानिकों ने हाल ही में एक ऐसे ग्रह की खोज की है जो इंसानों के जीने के लिए अनुकूल हो सकता है. इस ग्रह पर जीवन की संभावनाओं को देखते हुए वैज्ञानिकों का मानना है कि यहां मनुष्य सात पीढ़ियों तक एक साथ इस ग्रह पर रह सकेंगे. यह खोज अंतरिक्ष विज्ञान के क्षेत्र में एक मील का पत्थर साबित हो सकती है.
क्यों ये ग्रह है इतना खास?
इस नए और संभावित ग्रह को ग्लिसे 12 बी के नाम से जाना जाता है. वहीं वैज्ञानिकों की भाषा में इसका नाम एक्स्ट्रासोलर ग्रह या एक्सोप्लैनेट है. ग्लिसे 12 बी एक छोटे और ठंडे लाल बौने तारे की परिक्रमा करता है जो पृथ्वी से लगभग 40 प्रकाश वर्ष दूर मीन राशि में मौजूद है. खास बात ये है कि इस ग्रह पर एक साल पृथ्वी के 12.8 दिन जितना है. दरअसल ये ग्रह अपने तारे ग्लिसे 12 की बहुत ही करीब से परिक्रमा करता है. जिसकी वजह से इसका एक साल बहुत छोटा है.
क्यों ये ग्रह है इतना खास?
इस ग्रह पर पृथ्वी जैसी कई स्थितियां पाई गई हैं. जैसे कि तरल पानी की उपस्थिति, वायुमंडल की उपस्थिति और तापमान भी पृथ्वी के समान है. इसके अलावा इस ग्रह पर जीवन के लिए आवश्यक तत्व जैसे कि कार्बन, नाइट्रोजन और ऑक्सीजन भी पाए गए हैं. साथ ही इस ग्रह की जलवायु काफी स्थिर है, जो जीवन के विकास के लिए अनुकूल है. वहीं ये ग्रह एक ऐसे तारे की परिक्रमा करता है जो सूर्य के समान है.
वैज्ञानिकों का मानना है कि इस ग्रह पर जीवन की अवधि पृथ्वी की तुलना में कहीं ज्यादा होगी. यहां पर जीवन के लिए अनुकूल परिस्थितियां इतनी स्थिर हैं कि इंसान यहां सात पीढ़ियों तक एक साथ रह सकेंगे.