नई दिल्ली– प्याज के दाम में तेजी की खबरों के बीच केंद्र सरकार ने आश्वस्त किया है कि किसी भी स्थिति में कीमतों पर नियंत्रण रखा जाएगा। बफर स्टॉक में 4.70 लाख टन प्याज का भंडारण है। जरूरत पड़ने पर उसे निकालकर बाजार में प्याज की कमी को दूर किया जाएगा। बारिश में कीमतों में तेजी की आशंका को देखते हुए केंद्र सरकार ने प्याज के बफर स्टाक की व्यवस्था कर रखी है। मूल्य स्थिरीकरण नीति के तहत प्याज के अधिकतम स्टाक को एक लाख टन से बढ़ाकर पांच लाख टन कर दिया गया है।
38 लाख टन से अधिक प्याज का भंडारण
अनुमान है कि किसानों एवं व्यापारियों के पास अभी भी 38 लाख टन से अधिक प्याज का भंडारण है। लेकिन, कुछ कारोबारियों में कालाबाजारी एवं जमाखोरी के माध्यम से मुनाफा कमाने की प्रवृत्ति देखी जा रही है। इसके चलते कुछ प्रमुख केंद्रों पर प्याज की कीमत 50 रुपये प्रति किलोग्राम से अधिक हो गई है। इससे सरकार पर भारी दबाव पड़ने लगा है। इसके अलावा महाराष्ट्र समेत दक्षिण के राज्यों में लगातार भारी बारिश ने खरीफ मौसम में प्याज उत्पादन को बाधित कर दिया है। इस वजह से हफ्ते भर में ही प्याज के थोक भाव में 10 रुपये और खुदरा भाव में 20 रुपये प्रति किलो तक की वृद्धि हो गई है।
35 रुपये किलो प्याज बेचेगी सरकार
सूत्रों का कहना है कि एक-दो दिनों में दिल्ली समेत कई बड़े शहरों में भारतीय राष्ट्रीय सहकारी उपभोक्ता संघ (एनसीसीएफ) एवं भारतीय राष्ट्रीय कृषि सहकारी विपणन संघ (नेफेड) के सभी आउटलेट पर 35 रुपये प्रति किलो की दर से प्याज बेचा जाएगा। मोबाइल वैन के जरिये भी उपभोक्ताओं तक रियायती दर पर प्याज पहुंचाया जाएगा।