चलती ट्रेन में बीमार पड़े तो नो टेंशन,रेलगाड़ी में हो जाएगा इन बीमारी का इलाज!

नई दिल्ली -ट्रेन में सफर करने वाले यात्रियों के लिए अच्छी खबर है। सफर के दौरान अगर किसी यात्री की तबियत खराब होती है उसे वहीं प्राथमिक उपचार मिल सकेगा। इसके लिए लिए रेलवे ने टिकट निरीक्षक को दवाइयों और पट्टी के साथ फर्स्ट एड बॉक्स दिया जा रहा है। रेलवे से मिली जानकारी के अनुसार, रेलवे बोर्ड की तरफ इस संदर्भ में निर्देश जारी किया है। इसमें अगले एक साल तक उत्तर और उत्तर मध्य रेलवे में इसका ट्रायल करने का निर्देश दिया गया हैं। उचित परिणाम आने के बाद इसे पूरे रेलवे में लागू किया जाएगा।

रेलवे ने इसके लिए स्वास्थ्य विभाग से भी मंजूरी ले ली है। इसके अलावा एक दवाइयों की सूची भी जारी की है,जिन्हें फर्स्ट एड बॉक्स में रखना अनिवार्य है। रेलवे बोर्ड की तरफ से कहा गया है कई बार ट्रेन में सफर के दौरान यात्रियों की तबीयत खराब होने के मामले सामने आते है। इसमें अधिकांश मामले बुखार,उल्टी,दस्त, पेट दर्द और गैस आदि के केस ज्यादा होते है। ऐसे में यात्रियों को दवा की आवश्यकता होती है। लेकिन चलती ट्रेन में यात्रियों को दवाईयां नहीं मिल पाती है। 2018 से ही ट्रेनों के साथ रेलवे स्टेशनों में फर्स्ट एड बॉक्स किट रखने का प्रावधान है लेकिन कई बार ये दवाइयां आवश्यकता पड़ने पर यात्रियों तक नहीं पहुंच पाती है।

रेलवे बोर्ड ने अगस्त 2025 तक के इसे पायलट प्रोजेक्ट की तरह चलाने के निर्देश जारी किए है। हर ट्रेन में टीटीई के पास फर्स्ट एड बॉक्स रहेगा साथ ही दवाइयों का भी एक बॉक्स रखा जाएगा। दवा की खरीदारी का खर्च रेलवे का स्वास्थ्य विभाग उठाएगा। इसमें इंजेक्शन भी रहेंगे लेकिन इसका इस्तेमाल किया जाएगा तब गाड़ी में कोई डॉक्टर मौजूद होगा। हाल ही में उत्तर-मध्य रेलवे के प्रयागराज डिवीजन ने अपनी ट्रेनों में फर्स्ट एंड बॉक्स उपलब्ध करवाए ताकि वह जरुरत पड़ने पर यात्रियों को दवा दे सके। इसके अलावा यात्रियों को चोट लगने पर बैंडेज और पट्टी भी उपलब्ध करवाई है ताकि उनका प्राथमिक उपचार हो सके। रेलवे के इस कदम का अच्छा रिस्पांस देखने को मिल रहा है। इसी वजह से रेलवे बोर्ड उत्तर-मध्य रेलवे में चलने वाली सभी ट्रेनों में टीटीई को फर्स्ट एड बॉक्स उपलब्ध करवाएंगा।

यात्री ऐसे कर सकेंगे संपर्क

चलती ट्रेन में किसी यात्री को प्राथमिक उपचार की जरूरत पड़ने पर ऑन ड्यूटी टीटीई से संपर्क करना होगा। इसके बाद ऑन ड्यूटी चेकिंग स्टाफ डॉक्टर से टेलीफोन पर संपर्क कर जानकारी देगा। उनके बताए मुताबिक ही यात्री को फौरन दवा दी जाएगी। इसमें दवा का ब्यौरा, यात्री का नाम, लिंग, उम्र, पीएनआर, कोच संख्या, बर्थ संख्या, यात्रा स्टेशन का नाम, गंतव्य स्टेशन का नाम और परामर्शदाता डॉक्टर का नाम ये सारी जानकारी रिकॉर्ड में दर्ज की जाएगी।

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