अपने दोस्तों को 15 अगस्त और रक्षाबंधन की बधाई देने के लिए इस लिंक पर क्लिक करें…आपके मोबाइल पर ऐसा मैसेज आया है तो सावधान रहें। इस लिंक को क्लिक कर कहीं आप ब्लैकमेलिंग का शिकार न हो जाएं। फेस्टिवल सीजन में सोशल मीडिया पर इस तरह के मैसेज अक्सर वायरल होते हैं। किसी मैसेज में फेस्टिवल डिस्काउंट देने की बात होती है, तो किसी में ग्रीटिंग कार्ड बनाने का ऑफर दिया जाता है। ये सभी फेक मैसेज होते हैं। ऐसी लिंक को क्लिक करते ही यूजर के मोबाइल का एक्सेस जालसाजों के पास चला जाता है। इसके जरिए हैकर लोगों के बैंक अकाउंट में सेंध लगाते हैं। बेडरूम तक के प्राइवेट फोटो-वीडियो चुराकर ब्लैकमेल भी करते हैं।
इन तीन पॉइंट्स में समझें कैसे टारगेट करते हैं जालसाज…
दोस्तों को बधाई भेजने हेतु लिंक को क्लिक करें और फिर हुआ फ्रॉड
इस तरह का मैसेज वॉट्सऐप, इंस्टाग्राम और फेसबुक पर वायरल होता है। इसमें एक लिंक शेयर की जाती है। लिंक को क्लिक करते ही एक पेज खुलता है। इसमें आपको अपना नाम दर्ज करना होता है। जैसे ही यूजर अपना नाम दर्ज करता है, 15 अगस्त की बधाई देने वाला उसके नाम का पोस्टर स्क्रीन पर दिखाई देता है। इस पोस्टर को यूजर लिंक के साथ अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर शेयर कर देता है।जितने भी लोग लिंक पर क्लिक करेंगे, सभी के मोबाइल के कैमरे का एक्सेस और आईपी एड्रेस जालसाज के पास पहुंच जाएगा। जालसाज यूजर्स की प्राइवेट तस्वीरें भी देख सकता है। इस आधार पर वह यूजर को ब्लैकमेल कर सकता है।
फेस्टिवल के मौके पर डिस्काउंट से फ्रॉड
जालसाजों को पता होता है कि फेस्टिवल के लिए हर व्यक्ति खरीदारी करता है। ऐसे मैसेज के जरिए खासतौर पर महिलाओं को टारगेट किया जाता है। इस लिंक को क्लिक करते ही एक पॉपुलर शॉपिंग वेबसाइट का पेज खुल जाता है, मगर इस पेज का डोमेन फर्जी होता है यानी यह पॉपुलर शॉपिंग साइट के नाम से मिलते-जुलते नाम की साइट होती है। अंतर इतना मामूली होता है कि सामान्य यूजर की पकड़ में नहीं आता। फर्जी डोमेन वाली साइट से शॉपिंग करने पर यूजर के मोबाइल का एक्सेस हैकर्स के पास चला जाता है। शॉपिंग के बाद यदि यूजर ऑनलाइन पेमेंट करता है तो डेबिट या क्रेडिट कार्ड की डिटेल भी लीक हो जाती है। एक्सेस मिल जाने पर मोबाइल पर जो ओटीपी आता है, उसे हैकर्स भी देख सकते हैं। इस तरह से बैंक अकाउंट में सेंध लग सकती है।
आपके नाम से पार्सल आया है, लिंक को क्लिक कर डिटेल भरें
इस तरह का मैसेज एसएमएस के जरिए भेजा जाता है। फेस्टिवल के दौरान गिफ्ट या पार्सल भेजे जाते हैं, इसी का फायदा हैकर्स उठाते हैं। वे इस मैसेज को या तो इंडियन पोस्ट या फिर किसी कूरियर कंपनी के फर्जी मैसेज लिंक के साथ शेयर करते हैं। इसमें लिखा जाता है कि लिंक को क्लिक कर अपनी डिटेल भरें और पार्सल हासिल करें। लिंक क्लिक कर जैसे ही यूजर डिटेल भरता है, मोबाइल का एक्सेस हैकर्स के पास पहुंच जाता है। ये APK एप्लिकेशन होती है, जिसके जरिए पूरे मोबाइल का एक्सेस मिल जाता है।
लिंक क्लिक करने पर मोबाइल का एक्सेस हैकर के पास कैसे पहुंच जाता है?
गूगल प्ले स्टोर से किसी ऐप को डाउनलोड करते हैं तो वह कई परमिशन मांगता है। जैसे- कोई फोटो एडिट करने का ऐप है तो वह मोबाइल गैलरी की परमिशन मांगेगा। यदि कोई रिकॉर्डिंग ऐप है तो वह आपके कॉल्स डिटेल की परमिशन मांगेगा। हैकर्स इस लिंक की कोडिंग ऐसे करते हैं कि केवल एक बार की परमिशन में ही सारी इन्फॉर्मेशन उनके पास चली जाती है।
ऐसे फ्रॉड से कैसे बचें?
ऐसे फ्रॉड से बचने का सबसे सही तरीका है कि अनजान लिंक पर क्लिक न करें। ग्रीटिंग कार्ड के मैसेज वाली लिंक को तो सीधे ही डिलीट कर देना चाहिए। जहां तक सवाल बंपर डिस्काउंट वाले मैसेज का है तो लिंक को क्लिक करने से पहले उसका यूआरएल चेक करना जरूरी है।गलती से लिंक क्लिक हो जाए तो फ्रॉड से बचने के चांस बेहद कम होते हैं। आजकल मोबाइल 5G स्पीड पर काम करते हैं। हैकर्स कोई मौका नहीं चूकते। चंद सेकेंड में वह आपके मोबाइल का एक्सेस हासिल कर लेते हैं।