‘जितना चलाओ-उतना चुकाओ’ से बचा सकते हैं बीमा के पैसे

नई दिल्ली– भारत में बड़ी संख्या में लोग ‘पे एज यू ड्राइव’ व्हीकल इंश्योरेंस अपनाने लगे हैं। इसमें आपकी गाड़ी साल में कितना चलेगी इस हिसाब से इंश्योरेंस प्रीमियम तय होता है। जो लोग गाड़ी का कम इस्तेमाल करते हैं उनके लिए ‘पे एज यू ड्राइव’ फायदेमंद हो सकता है। हालांकि जो लोग साल में 10,000 किमी से ज्यादा गाड़ी चलाते हैं, उनके लिए यह फायदेमंद नहीं है।

किनके लिए फायदेमंद

कॉलेज छात्र, बुजुर्ग, सार्वजनिक परिवहन में ज्यादा सफर करने वाले या कई गाड़ियां रखने वाले लोग जो कभी-कभार गाड़ी निकालते हैं। इनमें हाइब्रिड कर्मचारी और छोटे शहरों में कम दूरी तय करने वाले लोग भी शामिल हैं। एक स्टडी के मुताबिक ये इंश्योरेंस लेने वालों में 35% हाइब्रिड काम करते हैं यानी हफ्ते में 2 या 3 दिन ही दफ्तर से काम करते हैं।

प्रीमियम की गणना

पे एज यू ड्राइव बीमा के तीन पूर्व निर्धारित स्लैब हैं: 2500 किमी, 5000 किमी और 7500 किमी। कवरेज खरीदते समय स्लैब चुनना होगा। प्रीमियम की गणना चुने गए स्लैब के अलावा कार के मेक, मॉडल और ड्राइवर की प्रोफाइल के आधार पर की जाती है।

कितनी बचत होगी

यदि सामान्य बीमा में कुल प्रीमियम 10,000 रु. है तो 2,500 किमी स्लैब चुनने पर प्रीमियम में करीब 4,500 रुपए, 5,000 किमी चुनने पर 3,500 रु., 7,500 किमी स्लैब में 2,500 रु. और 10,000 किमी स्लैब में 2,000 रु. बच सकते हैं।

बीमा नियामक इरडा ने जारी किए निर्देश

ज्यादा चलने पर टॉप-अप करें अगर आप निर्धारित किलोमीटर तक गाड़ी चला लेते हैं तो बीमा कंपनी आपको कुछ किलोमीटर बतौर ग्रेस देती है। अगर उन्हें भी खर्च कर लेते हैं तो फिर टॉप-अप कराना जरूरी है। नहीं तो अगर आप किसी हादसे के शिकार हो जाते हैं तो आपका क्लेम नहीं माना जाएगा। आपका क्लेम तभी मान्य होगा, जब आप पहले ही टॉप-अप करा चुके होंगे।

लगेगी टेलीमैटिक्स डिवाइस बीमा कंपनियां कार की रनिंग को ट्रैक करने के लिए टेलीमैटिक्स डिवाइस लगाती हैं। मगर उसके लिए ग्राहक से कोई पैसा नहीं लिया जाता। अवधि खत्म होने से पहले ग्राहक को अपने किलोमीटर बताने वाले मीटर की तस्वीर कंपनी को भेजनी होती है।

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