
क्यों नहीं हुआ नर्मदा का विवाह?
लोककथाओं की मानें, तो नर्मदा एक सुंदर राजकुमार के रूप में विख्यात सोनभद्र से प्यार करती थीं, लेकिन किस्मत को दोनों का सुंदर मिलन मंजूर नहीं था। नर्मदा को विवाह से पहले इस बात की जानकारी हासिल हुई कि सोनभद्र उनकी दासी जुहिला को पसंद करते हैं। ऐसे में, प्रेम के बाद मिले अकेलेपन के बाद नर्मदा ने कुंवारी रहने और सोनभद्र के विपरीत पश्चिम की ओर बहने का फैसला कर लिया। यही वजह है कि यह आज भी उल्टी दिशा में बह रही है।
क्या है वैज्ञानिक कारण?
वैज्ञानिकों की मानें, तो रिफ्ट वैली को नर्मदा नदी के उल्टे बहने की वजह माना जाता है। सीधे शब्दों में समझें, तो नदी के प्रवाह के लिए जो उसका ढलान है वह उल्टी दिशा में है। ऐसे में, जाहिर तौर पर ढलान के कारण ही इस नदी का प्रवाह उल्टा है। बता दें, यह गुजरात और मध्य प्रदेश की मुख्य नदी है।
कई मायनों में खास है नर्मदा
- मध्य प्रदेश और गुजरात की जीवन रेखा कहलाने के साथ-साथ नर्मदा नदी को कुछ स्थानों पर रीवा नदी भी कहते हैं।
- यह भारत की 5वीं सबसे लंबी नदी है, जो 1077 किलोमीटर का कुल मार्ग तय करती है।
- भगवान शिव के 12 ज्योतिर्लिंगों में शामिल ओंकारेश्वर मंदिर नर्मदा नदी के तट पर ही स्थित है।
- इसका उद्गम स्थल मध्यप्रदेश के अनूपपुर जिले के अमरकंटक पठार है।
- मध्य प्रदेश, गुजरात और महाराष्ट्र की जगहों से गुजरते हुए यह सिर्फ इन राज्यों के भूगोल ही नहीं बल्कि अर्थव्यवस्था और संस्कृति में भी अहम भूमिका निभाती हैं।



