सूरत- देश के कई राज्य भारी बारिश के बाद बाढ़ से जूझ रहे हैं। दक्षिण गुजरात में भी भारी बारिश से बुरा हाल है। दक्षिण गुजरात में कई गांव बाढ़ से जलमग्न हो गए हैं। इस वजह से करीब 2,500 लोगों को विस्थापित किया गया है। अधिकारियों ने बताया कि नवसारी जिले के निचले इलाकों में कई गांव बाढ़ से जूझ रहे हैं। इस वजह से करीब 2,200 लोगों को अन्य जगहों में विस्थापित किया गया है। इसके अलावा तापी जिले में भी भारी बारिश की वजह से करीब 500 लोगों को सुरक्षित स्थानों पर ले जाया गया है।
पूर्णा नदी खतरे से स्तर के पार पहुंची
नवसारी जिले की जिलाधिकारी क्षिप्रा आग्रे ने बताया कि यहां पूर्णा नदी का जलस्तर 28 फीट पहुंच गया है। यह स्तर खतरे के निशान 23 फीट से पांच फीट अधिक है। क्षिप्रा आग्रे ने बताया कि बीते 24 घंटे से लगातार बारिश होने की वजह से क्षिप्रा नदी ने खतरे के निशआन को पार कर लिया है। जिलाधिकारी ने आगे बताया कि नवसारी कस्बे और आस पास के इलाकों में जलभराव की वजह से करीब 2,200 लोगों को शरणार्थी शिविरों में विस्थापित किया गया है। वहां 15 स्वास्थ्य टीमों को तैनात किया गया है।
तापी जिले में भी जलभराव से बुरा हाल इसके अलावा जलभराव की वजह से जिले की 70 सड़कों और चार मुख्य मार्गों को आवाजाही के लिए बंद कर दिया गया है। उधर, तापी जिले के आपदा प्रबंधन विभाग का कहना है कि वलोड तालुका के विभिन्न गांवों के करीब 500 लोगों को राहत शिविरों में विस्थापित किया गया है। जिला आपदा प्रबंधन विभाग ने आगे बताया कि वलोड, व्यारा, डोलवन और सोंगाध तालुका के कई गांव जलमग्न हो गए हैं। इस वजह से 113 आंतरिक सड़कों को बंद कर दिया गया है।
शनिवार तक भारी बारिश का अलर्ट
राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र (एसईओसी) के आंकड़ों के अनुसार डोलवन तालुका में शुक्रवार सुबह छह बजे तक बीते 24 घंटों में 173 मिलीमीटर बारिश दर्ज की गई। डांग जिले के सुबिर में 164 मिमी, नवसारी तालुका में 160 मिमी, तापी जिले के उच्छल में 141 मिमी, नवसारी के गांडवी में 123 मिमी और तापी जिले के वलोड में 109 मिमी बारिश दर्ज की गई। उधर, मौसम विभाग ने अपने पूर्वानुमान में दक्षिण गुजरात में शुक्रवार और शनिवार को भारी से भारी बारिश का अलर्ट जारी किया है।