नई दिल्ली- वित्त वर्ष 2023-24 के लिए बिना फाइन के इनकम टैक्स रिटर्न (ITR) भरने की आखिरी तारीख 31 जुलाई है। इसे फाइल करते समय आपको कई बातों का ध्यान रखना जरूरी है। इन्हीं में से एक है गिफ्ट्स में मिले सामान और नकदी। ITR फाइल करते समय दिवाली, बर्थडे, एनिवर्सरी या किसी भी अन्य मौके पर मिलने वाले गिफ्ट्स की जानकारी भी देनी होती है।ऐसे में आपको ITR भरते समय इस बात का विशेष ध्यान रखना चाहिए। अगर आप ऐसा नहीं करते हैं, तो आपको इनकम टैक्स विभाग की ओर से नोटिस मिल सकता है। चार्टर्ड अकाउंटेंट (CA) आनंद जैन (इंदौर) आपके गिफ्ट पर लगने वाले टैक्स के बारे में बता रहे हैं।
गिफ्ट्स को माना जाता है इनकम फ्रॉम अदर सोर्सेज
इनकम टैक्स के नियमों के तहत अगर आपको किसी भी एक फाइनेंशियल ईयर में अगर 50 हजार रुपए से ज्यादा कीमत के गिफ्ट मिले हैं, तो इस पर आपको टैक्स देना होगा। दिवाली या किसी भी अन्य मौके पर मिलने वाले गिफ्ट्स को इनकम फ्रॉम अदर सोर्सेज यानी ‘अन्य स्रोतों से आय’ माना जाता है।इसे आपकी कुल आय (ग्रॉस इनकम) में जोड़ा जाता है। इसीलिए इनकम टैक्स रिटर्न (ITR) फाइल करते समय इसकी जानकारी देनी होती है। इस पर आपके टैक्स स्लैब के अनुसार ही टैक्स देना होता है।
कैसे लगता है गिफ्ट पर टैक्स?
- चेक या कैश में मिली 50 हजार रुपए से ज्यादा की रकम।
- जमीन, बिल्डिंग आदि जैसी कोई भी अचल संपत्ति, जिसकी स्टांप ड्यूटी वैल्यू 50 हजार रुपए से ज्यादा हो।
- 50 हजार रुपए से ज्यादा की ज्वेलरी, शेयर, पेंटिंग्स या अन्य महंगी चीजें।
- अचल संपत्ति के अलावा 50 हजार रुपए से ज्यादा की कोई भी प्रॉपर्टी।
शादी में मिले गिफ्ट पूरी तरह टैक्स फ्री
आपकी शादी में आपको जो भी गिफ्ट मिलते हैं वो पूरी तरह से टैक्स फ्री होता है। हालांकि इन गिफ्ट की जानकारी आपको ITR फाइल करते समय देनी होती है। इसके अलावा आपको आपको मैरिज का प्रूफ जैसे शादी का कार्ड और शादी के फोटो देने होंगे।
एम्प्लॉयर से मिले तोहफे पर भी लगता है टैक्स
एम्प्लॉयर से आपको एक वित्त वर्ष में 5,000 रुपए मूल्य तक का मिला उपहार टैक्स फ्री है, लेकिन तोहफे की वैल्यू अगर 5,000 रुपए से ज्यादा होगी तो अतिरिक्त रकम को आपकी सैलरी से हुई.
रिश्तेदारों से मिले गिफ्ट पर नहीं लगता है टैक्स
अगर आपको अपने परिवार के सदस्यों से गिफ्ट मिलता है, जिनके साथ आपका ब्लड रिलेशन है तो इस पर आपको कोई टैक्स नहीं देना होता है। आप अपने परिवार के सदस्यों से कितनी भी कीमत का गिफ्ट ले सकते हैं या दे सकते हैं। यह टैक्सेबल नहीं है। छूट के इस दायरे में आने वाले गिफ्ट इस तरह हैं-
- पति या पत्नी से मिला गिफ्ट।
- भाई या बहन से मिला गिफ्ट।
- पति या पत्नी के भाई या बहन से मिला गिफ्ट।
- माता-पिता के भाई या बहन से मिला गिफ्ट।
- विरासत या वसीयत में मिला गिफ्ट या प्रॉपर्टी।
- पति या पत्नी के किसी निकटतम पूर्वज या वंशज से मिला गिफ्ट।
- हिंदू अनडिवाइडेड फैमिली के मामले में किसी भी मेंबर से मिला गिफ्ट।
- लोकल अथॉरिटी जैसे पंचायत, म्यूनिसपैलिटी, म्यूनिसपल कमेटी और डिस्ट्रिक्ट बोर्ड, कैंटोनमेंट बोर्ड से मिला गिफ्ट।
- सेक्शन 10 (23C) में उल्लिखित किसी फंड/फाउंडेशन/यूनिवर्सिटी या अन्य एजुकेशनल इंस्टीट्यूशन, हॉस्पिटल या अन्य मेडिकल इंस्टीट्यूशन, ट्रस्ट या इंस्टीट्यूशन से मिला गिफ्ट।
- सेक्शन 12A या 12AA के तहत रजिस्टर किसी चैरिटेबल या धार्मिक ट्रस्ट से मिला गिफ्ट।
2 लाख रुपए से ज्यादा का नगद गिफ्ट न लें
सेक्शन 269ST के अनुसार यदि कोई पर्सन 2 लाख या अधिक की राशि नकद में प्राप्त करता है, तो उस पर्सन पर पेनल्टी लगाई जाएगी। यानी कि इस सेक्शन में पेनल्टी Cash में राशि प्राप्त करने वाले पर लगाई जाएगी न की राशि का भुगतान करने वाले पर।इसलिए अगर आप 2 लाख या अधिक की राशि गिफ्ट के रूप में ले रहे हैं, तो इसे सिर्फ बैंकिंग चैनल्स के माध्यम से लें, जैसे :- A /C Payee चेक, या A /C Payee बैंक ड्राफ्ट, या इलेक्ट्रॉनिक क्लीयरेंस सिस्टम के माध्यम से बैंक में ट्रांसफर। यदि पेमेंट सेल्फ चेक के माध्यम से प्राप्त किया जा रहा है, तो इसे भी कैश में किया गया लेनदेन ही माना जायेगा और पेनल्टी लगाई जाएगी।