नई दिल्ली- मार्केट रेगुलेटर सेबी ने अपने कर्मचारियों की भ्रष्ट गतिविधियों से निपटने के लिए नियमों में सख्ती की है। इसके लिए उसने अपने कर्मचारियों की सेवाओं को नियंत्रित करने वाले नियमों में संशोधन किया है। इसके तहत एक सक्षम प्राधिकार कानून के तहत सेबी को होने वाले आर्थिक नुकसान की भरपाई के लिए सीधे तौर पर संबंधित कर्मचारी से राशि की वसूली कर सकता है।यह राशि कर्मचारियों के वेतन और उसे मिलने वाली अन्य रकम से ली जा सकती है। सेबी के अनुसार, यह कदम तब उठाया जा सकता है जब किसी कर्मचारी ने कथित तौर पर अनुचित उद्देश्य के लिए या भ्रष्ट तरीके से काम किया हो।
सेबी ने छह मई की अपनी अधिसूचना में कहा कि नई व्यवस्था उन कर्मचारियों पर भी लागू होगी, जिन्होंने इस्तीफा दे दिया है या सेवानिवृत्त हो गए हैं अथवा प्रतिनियुक्ति का कार्यकाल पूरा कर लिया है। संशोधित नियम के तहत किसी कर्मचारी के खिलाफ शुरू की गई किसी भी कार्यवाही के लंबित रहने के दौरान संबंधित कर्मचारी को मिलने वाली ग्रेच्यूटी को पूर्ण रूप से या आंशिक रूप से रोका जा सकता है।
निवेश सलाहकारों के लिए सेबी ने जारी किया प्रारूप
सेबी ने निवेश सलाहकारों की गतिविधियों से संबंधित जानकारी देने के लिए समय-समय पर मानकीकृत रिपोर्टिंग का बुधवार को एक प्रारूप जारी किया। इसमें सलाहकारों को अपने इंटरनेट मीडिया अकाउंट के बारे में भी बताने को कहा गया है।फिलहाल ‘निवेश सलाहकार प्रशासन और पर्यवेक्षण निकाय’ (IASB) तदर्थ आधार पर निवेश सलाहकारों से जानकारी मांगता है। इस निकाय को सेबी ने निवेश सलाहकारों के प्रशासन और पर्यवेक्षण के लिए मान्यता दी हुई है।