अकोला- 20 मार्च, गुरुवार को सूर्य भूमध्य रेखा पर होगा। जिससे दिन और रात बराबर रहेंगे। यानी 12-12 घंटे के होंगे। इस स्थिति को वसंत संपात कहते हैं। जो हर साल 20 या 21 मार्च को पड़ता है। इसके बाद से दिन का वक्त बढ़ने लगेगा और रातें छोटी होंगी।इस दिन से सूर्य मेष राशि मे प्रवेश कर जाएगा। जो कि पहली राशि होती है। इसे वसंत संपात भी कहते हैं, क्योंकि इस राशि में आने पर वसंत ऋतु की शुरुआत मानी जाती है। 20 मार्च को सूर्य मेष राशि में 0 डिग्री पर रहेगा।
सूर्य का उत्तरी गोलार्द्ध में आना गर्मी के मौसम की शुरुआत
20 मार्च को सूर्य भूमध्य रेखा पर आ जाएगा। सूर्य के उत्तरी गोलार्द्ध में आने के कारण भारत समेत ऐसे देश जो पृथ्वी के उत्तरी गोलार्द्ध में मौजूद हैं, उनमें दिन का समय धीरे-धीरे बढ़ने लगेगा और रातें छोटी हो जाएंगी।भारत में कई जगहों पर दिन तकरीबन 14 घंटे तक हो जाएगा। वहीं, रातें 10 घंटे की होने लगेंगी। ये स्थिति 21 जून तक रहेगी। पृथ्वी 23 डिग्री झुकी हुई है, तो पृथ्वी का उत्तरी गोलार्द्ध सूर्य के सामने ज्यादा वक्त तक रहेगा। इससे सूर्य की किरणें धरती के उत्तरी हिस्से में ज्यादा देर तक होने से इन जगहों पर गर्मी का मौसम रहेगा।
साल में दो बार दिन और रात बराबर होते हैं
सूर्य साल में दो बार भूमध्य रेखा यानी विषुवत रेखा पर आता है। पूरे साल में दो बार ऐसा होता है जब इस रेखा पर सूर्य के आने से दिन और रात बराबर 12-12 घंटे के होते हैं। पहला, 20-21 मार्च को जब सूर्य इस रेखा पर आता है। इसके बाद 22-23 सितंबर को जब सूर्य आखिरी बार इस रेखा पर होता है।
कहां कहां से गुजरती है भूमध्य रेखा
भूमध्य रेखा चौदह देशों में से होकर गुजरती है। पृथ्वी पर भूमध्य रेखा का ज्यादातर हिस्सा समुद्री है। भूमध्य रेखा के एशिया, अफ्रीका और साउथ अमेरिका के कुल 13 देशों से गुजरती है। इनमें हिंद, अटलांटिक और प्रशांत महासागर भी शामिल है। अब जब सूर्य भूमध्य रेखा पर रहेगा तो इन देशों में भी भारत की तरह दिन बड़े होंगे और गर्मियों का मौसम रहेगा।