नई दिल्ली- जनवरी में देश का एक्सपोर्ट सालाना आधार पर 3.12% बढ़कर 36.92 बिलियन डॉलर यानी 3.06 लाख करोड़ रुपए हो गया है। सरकार ने आज यानी गुरुवार (15 फरवरी) को आंकड़े जारी कर इस बात की जानकारी दी है।वहीं इस साल जनवरी में इंपोर्ट सालाना आधार पर करीब 3% बढ़कर 54.41 बिलियन डॉलर (4.51 लाख करोड़ रुपए) हो गया है। इस हिसाब से जनवरी 2024 में ट्रेड डेफिसिट यानी व्यापार घाटा 17.49 बिलियन डॉलर (1.45 लाख करोड़ रुपए) रहा।
अप्रैल-जनवरी में एक्सपोर्ट ₹29.39 लाख करोड़ रहा
इस फाइनेंशियल ईयर में अप्रैल-जनवरी के दौरान एक्सपोर्ट 4.89% घटकर 353.92 बिलियन डॉलर यानी 29.39 लाख करोड़ रुपए रह गया। इंपोर्ट 6.71% घटकर 561.12 बिलियन डॉलर (46.59 लाख करोड़ रुपए) रह गया।कॉमर्स सेक्रेटरी सुनील बर्थवाल ने कहा कि ग्लोबल अनसर्टेनिटी यानी अनिश्चितताओं के बावजूद भारत ने पॉजिटिव ग्रोथ दर्ज की है।
दिसंबर में व्यापार घाटा ₹1.64 लाख करोड़ रहा था
देश का मर्चेंडाइज ट्रेड डेफिसिट यानी व्यापार घाटा दिसंबर 2023 में सालाना आधार पर घटकर ₹1.64 लाख करोड़ रहा था। दिसंबर 2022 में यह ₹1.91 लाख करोड़ रहा था। नवंबर 2023 में ट्रेड डेफिसिट ₹1.71 लाख करोड़ रहा था।पिछले कुछ महीनों में लगातार कम होने के बाद गुड एक्सपोर्ट दिसंबर 2023 में बढ़कर 38.45 बिलियन डॉलर यानी 3.18 लाख करोड़ रुपए रहा। यह पिछले साल इसी महीने में 38.08 बिलियन डॉलर यानी 3.15 लाख करोड़ रुपए रहा था। जबकि, मर्चेंडाइज इंपोर्ट में साल-दर-साल 4.9% की गिरावट आई है। यह नवंबर 2023 में ₹4.52 लाख करोड़ रहा था।
क्या होता है ट्रेड डेफिसिट?
जब एक निश्चित अवधि के दौरान देश का इंपोर्ट, एक्सपोर्ट से ज्यादा हो जाता है, तो वो ट्रेड डेफिसिट या व्यापार घाटे की कैटेगरी में आता है। इसे निगेटिव बैलेंस ऑफ ट्रेड भी कहते हैं। दूसरे शब्दों में, जब कोई देश बेचने से ज्यादा खरीदता है, तो उसे ट्रेड डेफिसिट कहा जाता है।