मुंबई- महाराष्ट्र में फूलों की विविधता और प्रचुरता के कारण शहद मधुमक्खी पालन की अपार संभावनाएं हैं। इसलिए, शहद उद्योग का दायरा बढ़ाने के लिए मधुमक्खी पालन के बारे में जागरूकता, प्रशिक्षण और प्रचार-प्रसार करने के लिए खादी और ग्रामोद्योग बोर्ड द्वारा 18 और 19 जनवरी को देश का पहला शहद महोत्सव 2024 आयोजित किया गया है।वन एवं सांस्कृतिक मामलों के मंत्री सुधीर मुनगंटीवार सुबह 11 बजे मुंबई के यशवंतराव चव्हाण प्रतिष्ठान में महोत्सव का उद्घाटन करेंगे।
महाराष्ट्र राज्य खादी और ग्रामोद्योग बोर्ड के अध्यक्ष रवींद्र साठे ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में नागरिकों से इस उत्सव में भाग लेने की अपील की। मधुमक्खियां केवल शहद और मोम तक ही सीमित नहीं हैं बल्कि परागण के माध्यम से कृषि उत्पादन भी बढ़ाती हैं। मधुमक्खियां प्रकृति का एक महत्वपूर्ण तत्व हैं और ग्रामीण अर्थव्यवस्था से सीधे जुड़ी हुई हैं।
महाराष्ट्र राज्य खादी और ग्रामोद्योग बोर्ड शहद उत्पादन बढ़ाने के लिए विभिन्न योजनाएं लागू करता है। इनमें मुख्य रूप से मध केंद्र योजना और मध गांव की नवीन अवधारणाएं शामिल हैं। इस महोत्सव में मधुमक्खी पालन उद्योग के उप-उत्पादों जैसे पराग, मोम, रॉयल जेली, प्रोपोलिस, मधुमक्खी जहर आदि के बारे में जानकारी प्रदर्शित की जा रही है। इसलिए, शहद के साथ-साथ शहद और मोम से बने उप-उत्पादों के लिए राज्य के विभिन्न मधुमक्खी पालकों के कम से कम 20 स्टॉल लगाए जाएंगे। दो दिवसीय शहद महोत्सव में मधुमक्खी पालन सामग्री, विभिन्न प्रकार के शहद और मधुमक्खियों और शहद से बने विभिन्न उत्पादों के साथ-साथ दोपहर 12.30 बजे प्रसिद्ध शेफ विष्णु मनोहर द्वारा शहद के विभिन्न व्यंजनों का प्रदर्शन किया जाएगा।