Friday, November 22, 2024

जाने अयोध्या में कब से ले सकेंगे दर्शन?क्या होगा आरती का समय? और कौनसे व्यवस्थाए होंगी?

अयोध्या- रामनगरी अयोध्या समेत पूरा देश राम लला के प्राण प्रतिष्ठा के इंतजार में है। 22 जनवरी की दोपहर नवनिर्मित मंदिर में राम लला की प्राण प्रतिष्ठा होगी। इस दिन देशभर से अध्यात्म, सिनेमा, खेल, विज्ञान और सियासत से जुड़ी लोग कार्यक्रम में सम्मलित होंगे। इससे पहले पवित्र नगरी को भव्य और दिव्य बनाया जा रहा है। मंदिर तक जाने वाले सड़क और यहां पड़ने वाले चौराहों को बेहद आकर्षक ढंग से सजाया जा रहा है। आम जनता के लिए भगवान के दरबार 23 जनवरी से खुलेंगे।

जनसामान्य को कब से प्रवेश मिलेगा?

आम जनमानस के लिए प्राण प्रतिष्ठा के अगले दिन यानी 23 जनवरी से प्रवेश मिलेगा। इससे पहले प्रधानमंत्री ने कहा था कि 22 जनवरी को अयोध्या आने का प्रयास न करें, इसकी जगह जब अयोध्या में प्रभु श्रीराम विराजमान हों, तो सभी लोग दीपावली मनाएं और अपने अपने घरों में श्रीरामज्योति जलाएं। 22 की शाम पूरा हिंदुस्तान जगमग होना चाहिए। उन्होंने अपील की थी कि जब हमने साढ़े पांच सौ साल इंतजार किया है तो कुछ दिन और इंतजार करना होगा। सुरक्षा और व्यवस्था के लिहाज से अयोध्या आने में जल्दबाजी ना दिखाएं क्यों कि अब यहां श्रीराम का मंदिर अनंतकाल तक रहेगा।

रामलला के दर्शन कैसे कर सकते हैं?

प्रवेश द्वार में सिंह द्वार से होकर 32 सीढ़ियां हैं, जो गर्भगृह तक जाती हैं। यहां रामलला के 30 फीट की दूरी से दर्शन किए जा सकते हैं। मंदिर के चारों तरफ आयताकार परकोटा रहेगा।

आरती का समय क्या है?

रामलला के अभिषेक समारोह 22 जनवरी से पहले ही राम जन्मभूमि मंदिर में ‘आरती’ पास लेने के लिए बुकिंग से शुरू हो चुकी है। दिन में तीन बार (सुबह 6:30 बजे, दोपहर 12:00 बजे और शाम 7:30 बजे) भगवान राम की आरती की जाएगी। आरती में शामिल होने के लिए ट्रस्ट द्वारा बनाए गए पास की आवश्यकता होती है, जिसके लिए आपको आईडी प्रूफ देना होगा।

आरती के लिए पास लेने की प्रक्रिया क्या है?

इन तरीकों से भक्त पास ऑनलाइन बुक कर सकते हैं।
– श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र की आधिकारिक वेबसाइट srjbtkshetra.org को विजिट करें
– अपना मोबाइल नंबर दर्ज करें और ओटीपी के जरिए लॉग इन करें
– ‘आरती’ सेक्शन पर क्लिक करें
– तारीख, आरती का प्रकार चुनें जिसमें आप शामिल होना चाहते हैं
– अपना नाम, पता, फोटो, मोबाइल नंबर दर्ज करें
– मंदिर काउंटर से पास प्राप्त करें

श्रद्धालुओं के लिए सुविधाएं क्या हैं?

मंदिर परिसर में दिव्यांग और बुजुर्ग तीर्थयात्री के लिए भी विशेष सुविधाएं हैं। रैंप और लिफ्ट भी हैं। मंदिर ट्रस्ट का कहना है कि मंदिर के पास एक ऐतिहासिक कुआं (सीता कूप) है, जो प्राचीन काल का है। इसके अलावा, 25,000 लोगों की क्षमता वाला एक तीर्थयात्री सुविधा केंद्र (पीएफसी) का निर्माण किया जा रहा है। यह तीर्थयात्रियों के लिए चिकित्सा सुविधाएं और लॉकर सुविधा प्रदान करेगा।

परिसर में और कौन से मंदिर हैं?

राम मंदिर परिसर के चारों कोनों पर चार मंदिर होंगे, इनमें सूर्य देव, देवी भगवती, गणेश भगवान और भगवान शिव को समर्पित होंगे। उत्तरी भुजा में मां अन्नपूर्णा का मंदिर, जबकि दक्षिणी भुजा में हनुमान जी का मंदिर है। परिसर में प्रस्तावित अन्य मंदिर महर्षि वाल्मिकी, महर्षि वशिष्ठ, महर्षि अगस्त्य, महर्षि विश्वामित्र, निषाद राज, माता शबरी और देवी अहिल्या की पूज्य पत्नी को समर्पित रहेंगे। मंदिर परिसर के दक्षिण-पश्चिमी भाग में कुबेर टीला पर जटायु की स्थापना के साथ-साथ भगवान शिव के प्राचीन मंदिर का जीर्णोद्धार किया गया है।

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