नई दिल्ली- भारतीय नौसेना के एडमिरल के कंधों पर लगने वाले पदसूचक चिन्ह (एपोलेट्स) के डिजाइन में बदलाव किया गया है। नया डिजाइन छत्रपति शिवाजी महाराज की राजमुद्रा से प्रेरित है। बता दें कि पीएम मोदी ने नौसेना दिवस 2023 के दौरान इसका एलान किया था। नौसेना ने बताया कि एपोलेट्स का नया डिजाइन नौसेना के ध्वज से लिया गया है और यह छत्रपति शिवाजी महाराज के राजमुद्रा से प्रेरित है। नौसेना ने बताया कि यह हमारी समृद्ध समुद्री विरासत का सच्चा प्रतिबिंब है। नौसेना ने बताया कि नए डिजाइन को अपनाना हमारे पंच प्रण के दो स्तंभों- विरासत पर गर्व और गुलामी की मानसिकता से मुक्ति के प्रति हमारे समर्पण को दर्शाता है।
किस चिन्ह का है क्या अर्थ?
गोल्डन नेवी बटनः नौसेना ने बताया कि एपोलेट्स में मौजूद गोल्डन नेवी बटन गुलामी की मानसिकता को दूर करने के भारतीय नौसेना के समर्पण को दर्शाता है।
अष्टकोणः यह आठ प्रमुख दिशाओं का प्रतिनिधित्व करता है, जो एक सर्वांगीण दीर्घकालिक दृष्टिकोण को दर्शाता है।
टेलीस्कोप: यह नौसेना के लॉन्ग टर्म विजन, दूरदर्शिता और बदलती हुई दुनिया पर लगातार नजर रखने को दर्शाता है।
तलवारः यह राष्ट्रीय शक्ति में अग्रणी बनने और दबदबे के साथ युद्ध जीतने, विरोधियों को हराना और हर चुनौती पर काबू पाने की नौसेना की क्षमता को दर्शाता है।
पीएम मोदी ने कि थी नौसेना दिवस पर घोषणा
बता दें कि बीती 4 दिसंबर को नौसेना दिवस के मौके पर महाराष्ट्र के सिंधुदुर्ग में आयोजित हुए कार्यक्रम में पीएम मोदी ने भारतीय नौसेना की रैंक में बड़े बदलाव का एलान किया था ताकि नौसेना भारतीय संस्कृति से मेल खाए। पीएम मोदी ने कहा था कि भारत गुलामी की मानसिकता को पीछे छोड़ते हुए आगे बढ़ रहा है। प्रधानमंत्री ने कहा था कि नौसेना के अधिकारियों द्वारा पहने जाने वाले एपोलेट्स आगे से भारतीय संस्कृति और छत्रपति शिवाजी महाराज की विरासत को दर्शाएंगे।
रक्षा सूत्रों के हवाले से बताया गया है कि नौसेना रैंक में बदलाव का असर ऑफिसर रैंक से नीचे के नौसैन्य कर्मियों पर पडे़गा। वहीं एपोलेट्स में बदलाव एडमिरल स्तर के अधिकारियों पर पड़ेंगे। इनमें रियर एडमिरल, वाइस एडमिरल और एडमिरल शामिल हैं। अभी तक नाविकों के एपोलेट्स में कोई बदलाव नहीं किए गए हैं।