नई दिल्ली- ट्रेनों को आरामदायक और किफायती सफर के लिए आम लोगों में काफी पसंद किया जाता है लेकिन ट्रेन और मेट्रो में सफर करने वालों के साथ कई बार ऐसी घटना देखने को मिली है कि अचानक उनके अकाउंट से पैसे छूमंतर हो जाते हैं. इस तरह की शिकायत क्यों मिल रही है और इससे कैसे बचा जा सकता है, हम इस पर चर्चा करेंगे.
कैसे होती है डिजिटल चोरी?
आजकल ज्यादातर लोग डिजिटल पेमेंट करते हैं. इसके लिए वो ऑनलाइन पेमेंट ऐप का इस्तेमाल करते हैं. यही लोग जब ट्रेन में सफर करते हैं तो उनके साथ हैकर्स खेल कर जाते हैं. जब आप ट्रेन या मेट्रो में सफर करते हैं तो अपना फोन चार्ज करने के लिए पब्लिक फोन चार्जिंग स्टेशन का इस्तेमाल करते हैं. इस दौरान लोग डाटा केबल से फोन चार्ज होता है. यही डेटा केबल मोबाइल डेटा ट्रांसफर करने के लिए भी उपयोग होता है.
प्राइवेट डाटा लीक कैसे होता है?
हैकर्स अक्सर इन स्टेशन के जरिए मालवेयर को आपके फोन तक आसानी से पहुंचा देते हैं और आपका डेटा हैकर्स के पास पहुंच जाता है. इसके बाद मुसाफिर को साथ धोखाधड़ी के मामले होते हैं और उन्हें समझ भी नहीं आता कि ऐसा क्यों हुआ! ऐसे कई मामलों में अकाउंट से पैसे गायब होने की शिकायत मिलती है. वहीं कई बार प्राइवेट डाटा पर खतरा मंडराता है.
इस दिक्कत से बचने के लिए आपको कुछ सावधानियां रखनी होंगी.
- जब भी किसी पब्लिक चार्जिंग स्टेशन का इस्तेमाल करें, तब यह जरूर देख लें कि आपका डेटा चोरी न हो.
- जब भी चार्जिंग पर फोन किसी पब्लिक प्लेस पर लगाएं हेडप्टर का इस्तेमाल करें.
- बाजार में मिलने वाली सेफ्टी वायर का इस्तेमाल करें. इससे सिर्फ चार्जिंग होती है.
- कई सेफ्टी वायर में LED Indicator होता है जो डेटा ट्रांसफर को इंडिकेट करता है.
- जब भी फोन चार्ज करें डाटा ट्रांसफर मोड को डिक्लाइन कर दें.