नई दिल्ली- फार्मेसी शिक्षा प्रणाली को मजबूत करने के लिए केंद्र सरकार राष्ट्रीय फार्मेसी आयोग विधेयक, 2023 ला रही है। केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय ने इस विधेयक का मसौदा भी जारी कर दिया गया है। प्रस्तावित विधेयक का उद्देश्य फार्मेसी अधिनियम, 1948 और मौजूदा फार्मेसी काउंसिल आफ इंडिया (पीसीआई) को राष्ट्रीय फार्मेसी आयोग से बदलना है।
ये है उद्देश्य
विधेयक का उद्देश्य सस्ती, उच्च गुणवत्ता वाली शिक्षा तक पहुंच में सुधार करके और देशभर में फार्मेसी पेशेवरों की उपलब्धता सुनिश्चित करके फार्मेसी शिक्षा को बढ़ाना है। इसका उद्देश्य सभी नागरिकों के लिए फार्मेसी सेवाओं को सुलभ बनाकर समान स्वास्थ्य देखभाल को बढ़ावा देना है। विधेयक पेशेवरों को अपने काम में नवीनतम शोध को एकीकृत करने, अनुसंधान में योगदान देने और उच्च नैतिक मानकों को बनाए रखने के लिए प्रोत्साहित करता है।
यह फार्मेसी संस्थानों के नियमित, पारदर्शी मूल्यांकन, राष्ट्रीय फार्मेसी रजिस्टर के रखरखाव और उभरती जरूरतों के अनुकूल सरल बनाने का प्रस्ताव करता है। फार्मेसी आचार और पंजीकरण बोर्ड के पास एक राष्ट्रीय फार्मेसी रजिस्टर होगी, जिसमें पारदर्शिता के लिए पेशेवरों का विवरण रखा जाएगा।
स्वास्थ्य मंत्रालय ने आम जनता से मांगी राय
विधेयक में एक आयोग गठित करने का प्रस्ताव है जिसका मुख्यालय नई दिल्ली में होगा। फार्मेसी अधिनियम, 1948 के तहत मौजूदा फार्मेसी काउंसिल ऑफ इंडिया को भंग कर दिया जाएगा। इससे फार्मेसी शिक्षा, जो स्थिर बनी हुई है, को पुनर्जीवित करने और इसके मानक को ऊपर उठाने की उम्मीद है।
मंत्रालय ने विधेयक के मसौदे को 14 नवंबर को अपनी वेबसाइट पर डाला है और इस पर जनता की राय मांगी है। विधेयक पर अपनी राय, सुझाव और आपत्ति ई मेल के माध्यम से भेजी जा सकती है।