सेहत की जानकारी- क्या आपने सदबहार फूल देखा है. देश के लगभग हर कोनों में सदबहार फूल खिलते हैं. सदाबहार फूल में 12 महीने फूल खिलते हैं, इसलिए इसे सदाबहार फूल कहा जाता है. सदाबहार फूल औषधीय गुणों का खजाना है. सदाबहार की हर चीज में मेडिसीनल गुण है. सदाबहार फूल को कैथरैंथस रोसियस कहा जाता है. इसकी जड़ और पत्तियों से डायबिटीज का इलाज किया जाता है जबकि इसके फूल से वात्त दोष को दूर किया जाता है. आयुर्वेद में सदियों से सदाबहार से डायबिटीज का इलाज किया जाता है. इतना ही नहीं सदाबहार फूल में एंटी-इंफ्लामेटरी गुण होता है जिसके कारण यह जोड़ों का दर्द सहित इंफ्लामेशन वाले कई दर्द को दूर करता है.
सीधे पैंक्रियाज को सक्रिय करता है जूस
अध्ययन में पाया गया कि सदाबहार फूल की पत्तियों के जूस से ब्लड शुगर तेजी से घट गया. सदाबहार फूल की पत्तियों में मौजूद कंपाउंड सीधे पैंक्रियाज में मौजूद बीटा सेल्स को सक्रिय करता है. यही बीटा सेल्स इंसुलिन को बनाता है. यानी जब बीटा सेल्स सही हो गया तो इंसुलिन भी अपने आप बनने लगा.
सदाबहार का कैसे उपयोग करें
सदाबहार की पत्तियों को सूखा लें और उसका पाउडर बना लें. फिर इसे एयर टाइट कंटेनर में रख दें. सुबह उठते ही एक गिलास पानी या बेजिटेबल जूस में एक चम्मच सदाबहार की पत्तियों से बने पाउडर को डाल दें और पी जाएं. दिन भर ब्लड शुगर नहीं बढ़ेगा. इतना ही नहीं यह कोलेस्ट्रॉल को भी नहीं बढ़ने देता है. अगर पाउडर पसंद नहीं है तो सदाबहार की पत्तियों को सुबह-सुबह चबाएं या सदाबहार के पत्ते की चाय बनाकर पीएं. सुबह में खाली पेट पीने से इसके कई फायदे होंगे. सदाबहार का सेवन करने से पहले डॉक्टर से राय ले लेंगे तो ज्यादा अच्छा रहेगा.