नई दिल्ली- विश्व डायबिटीज दिवस के अवसर पर मंगलवार को एम्स के निदेशक डॉ. एम श्रीनिवास ने नए ओपीडी ब्लाक में मौजूद अमृत फार्मेसी में दो निशुल्क इंसुलिन काउंटर का शुभारंभ किया। इस काउंटर से जरूरतमंद मरीजों को इंसुलिन का इंजेक्शन निशुल्क मिलेगा। इससे आर्थिक रूप से कमजोर डायबिटीज के मरीजों को राहत मिलेगी।
इन मरीजों को पड़ती है इंसुलिन की जरूरत
देश में डायबिटीज टाइप-2 बीमारी बढ़ रही है। राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वे के अनुसार देश में 15 वर्ष से अधिक उम्र के 15.6 प्रतिशत पुरुष और 13.5 प्रतिशत महिलाएं डायबिटीज से पीड़ित हैं। इसके अलावा करीब ढाई लाख लोग टाइप-एक डायबिटीज से पीड़ित हैं। टाइप-एक डायबिटीज ज्यादातर बच्चों को होती है। टाइप-एक डायबिटीज के मरीजों में इंसुलिन बिल्कुल नहीं बन पाता। इस वजह से टाइप-एक डायबिटीज से पीड़ित मरीजों को नियमित रूप से इंसुलिन लेने की जरूरत पड़ती है।
एम्स के इंडोक्रिनोलाजी विभाग के विभागाध्यक्ष डा. निखिल टंडन ने कहा कि गलत खानपान और खराब जीवनशैली के कारण कम उम्र में भी टाइप-दो डायबिटीज की बीमारी हो रही है। जिन लोगों को कम उम्र में टाइप-2 डायबिटीज की बीमारी होती है उन्हें भी आगे चलकर इंसुलिन लेने की जरूरत पड़ती है। टाइप-एक डायबिटीज के मरीजों के लिए तो इंसुलिन जीवन रक्षक है।
कब-कब संचालित होगा काउंटर
विश्व स्वास्थ्य संगठन ने सभी देशों को वर्ष 2030 तक टाइप-1 डायबिटीज से पीड़ित हर मरीज को किफायती इंसुलिन और जांच के लिए ग्लूकोमीटर की सुविधा सुनिश्चित करने का लक्ष्य दिया है। एम्स की यह पहल उस दिशा में एक कदम है। एम्स के मीडिया प्रोटोकाल डिविजन की चेयरपर्सन डा. रीमा दादा ने कहा कि ओपीडी में जिन मरीजों को डाक्टर पर्ची पर लिखकर इंसुलिन लेने की सलाह देंगे उन्हें इस काउंटर से निशुल्क इंजेक्शन उपलब्ध कराया जाएगा। यह काउंटर हर दिन सुबह नौ बजे से शाम पांच बजे तक संचालित होगा।
मरीजों को सुरक्षित तरीके से इंसुलिन को घर ले जाने और उसके इस्तेमाल का तरीका भी बताया जाएगा। जिन मरीजों को इंजेक्शन लेकर दूर जाना होगा उन्हें आइस पैक में रखकर इंसुलिन का इंजेक्शन दिया जाएगा। अभी मरीजों को एक माह का खुराक उपलब्ध कराया जाएगा। बाद में एक बार में दो से तीन माह का खुराक निशुल्क उपलब्ध कराया जाएगा। इस इंजेक्शन को दो से आठ डिग्री तापमान में रखना होगा।
अधिक डोज वाले मरीजों को मिलेगी काफी राहत
इस एक वायल इंजेक्शन की कीमत 90 रुपये है। खुदरा बाजार में इसकी कीमत 150 रुपये तक है। दस मिलीलीटर के इस इंजेक्शन में 400 यूनिट इंसुलिन होती है। एम्स के डाक्टरों के अनुसार एक मरीज को हर दिन चार-पांच यूनिट से लेकर 100 यूनिट तक इंसुलिन की जरूरत होती है। यह बीमारी की गंभीरता के अलावा मरीज के वजन पर भी निर्भर करता है। एक वायल से कुछ मरीजों के पूरे इंजेक्शन लग सकेगा। अधिक डोज वाले मरीजों की हर माह 650 से करीब एक हजार रुपये तक बचत हो सकेगी।