Tuesday, July 30, 2024
Home मुख्य न्यूज़ फिल्मों की पायरेसी रोकने के लिए सरकार ने जारी किया निर्देश

फिल्मों की पायरेसी रोकने के लिए सरकार ने जारी किया निर्देश

नई दिल्ली- केंद्र सरकार ने फिल्मों की पायरेसी पर अंकुश लगाने की बड़ी पहल के तहत नोडल अधिकारियों की नियुक्त की है। सूचना प्रसारण मंत्रालय द्वारा नियुक्त इन अधिकारियों को डिजिटल प्लेटफॉर्म से पायरेटेड सामग्री को हटाने के लिए निर्देश जारी करने का अधिकार दिया गया है।

कार्रवाई के लिए नोडल अधिकारी नियुक्त

देश के अलग-अलग क्षेत्रों के लिए 12 नोडल अधिकारियों की नियुक्ति की गई है जो फिल्मों को चोरी छिपे या अवैध रूप से दिखाए जाने के खिलाफ कार्रवाई कर सकेंगे। फिल्मों-संगीत की चोरी की शिकायतें आने के 48 घंटे के भीतर यह कार्रवाई की जाएगी।

हर साल करीब 20,000 करोड़ का नुकसान 

सूचना प्रसारण मंत्रालय के इस कदम ने फिल्म पायरेसी के खिलाफ कार्रवाई के लिए एक संस्थागत तंत्र बन गया है। फिल्मों की पायरेसी के चलते मनोरंजन उद्योग को हर साल करीब 20,000 करोड़ रुपए का नुकसान होने का अनुमान है और सरकार का यह कदम इस पर बड़ा अंकुश लगाएगा।

सूचना प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने नोडल अधिकारियों की नियुक्ति के साथ ही पायेरसी के खिलाफ कार्रवाई का संस्थगत तंत्र बनाए जाने को लेकर शुक्रवार को पत्रकारों से कहा कि भारतीय फिल्म और मनोरजंन उद्योग जगत की एक बड़ी मांग सरकार ने पूरी की है।

48 घंटों के भीतर होगी कार्रवाई

सूचना प्रसारण मंत्रालय और केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड (सीबीएफसी) में 12 नोडल अधिकारी नियुक्त किए हैं जिनके पास फिल्म चोरी से संबंधित शिकायतें दर्ज की जा सकती हैं। पायरेसी के खिलाफ आयी शिकायतों का तत्काल अध्ययन कर 48 घंटों के भीतर कार्रवाई की जाएगी।

अनुराग ठाकुर ने कहा कि पाइरेसी न केवल हमारे फिल्म उद्योग के लिए बल्कि पूरी दुनिया के लिए एक बड़ा खतरा है। इन नोडल अधिकारियों को डिजिटल प्लेटफॉर्म से पायरेटेड सामग्री को हटाने के लिए निर्देश जारी करने का अधिकार दिया गया है।

फिल्मों या संगीत का मूल कॉपीराइट धारक यूट्यूब, टेलीग्राम चैनलों, वेबसाइटों या अन्य ऑनलाइन प्लेटफार्मों से पायरेटेड सामग्री को हटाने के लिए नोडल अधिकारियों के पास शिकायत दर्ज कर सकता है। कॉपीराइट धारक को त्वरित कार्रवाई के लिए शिकायत के साथ स्वामित्व से जुड़े प्रमाण पत्र देने होंगे।

सिनेमाटोग्राफ कानून में संशोधन 

पायरेसी के खिलाफ कानूनी शिकंजा कसने के लिए सरकार ने बीते मानसून सत्र के दौरान सिनेमाटोग्राफ कानून में संशोधन से संबंधित विधेयक पारित किया था। सूचना प्रसारण मंत्री ने नए कानून का हवाला देते हुए कहा कि पायरेसी में पकड़े जाने पर तीन लाख रुपए के नगद जुर्माना से लेकर तीन साल तक की जेल हो सकती है।

जुर्माने की राशि अपराध के हिसाब से बढ़ाते हुए फिल्म की लागत का उत्पादन लागत का पांच प्रतिशत तक किया जा सकता है। अनुराग ठाकुर ने कहा कि हमने फिल्म इंडस्ट्री से वादा किया था कि भारत को सॉफ्ट पावर बनाने में कोई कसर नहीं छोड़ेंगे और इसके लिए अच्छी फिल्में बनाएंगे।

उन्होंने कहा कि फिल्मकारों का हित सुरक्षित रखने के लिए पाइरेसी में शामिल लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करेंगे क्योंकि मनोरंजन उद्योग को हर साल 20-25 हजार करोड रुपए का बड़ा नुकसान उठाना पड़ रहा है।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

× How can I help you?