उत्तर प्रदेश में शुरू होंगे संस्कृत मीडियम के स्कूल वेद, व्याकरण, साहित्य के साथ फिजिक्स-केमिस्ट्री भी पढ़ेंगे स्टूडेंट्स

उत्तर प्रदेश सरकार संस्कृत बोर्ड में जुड़े 5 रेजिडेंशियल और 11 नॉन-रेजिडेंशियल स्कूल शुरू करने की तैयारी कर रही है।ये स्कूल सेकेंडरी एजुकेशन डिपार्टमेंट के संस्कृत बोर्ड से एफिलिएटेड होंगे। इन स्कूलों में संस्कृत के अलावा भारतीय संस्कृति और धर्मग्रंथों की पढ़ाई भी होगी।

धार्मिक महत्व वाले शहरों में शुरू होंगे संस्कृत स्कूल

ये संस्कृत रेजिडेंशियल स्कूल प्रयागराज, चित्रकूट , अयोध्या, सीतापुर और मथुरा जैसे धार्मिक महत्व के शहरों में शुरू किए जाएंगे। वहीं, नॉन-रेजिडेंशियल संस्कृत स्कूल वाराणसी, रायबरेली, मुफ्फरनगर, सहारनपुर, शामली, एटा, जालौन, हरदोई, मुरादाबाद, अमेठी और बिजनोर में शुरू होंगे। प्रदेश में संकृत बोर्ड से जुड़े सिर्फ दो सरकारी स्कूल हैं। एक स्कूल भदोही में है और एक स्कूल चंदौली में है। इसके अलावा सरकार ने संस्कृत बोर्ड से जुड़े 970 प्राइवेट स्कूलों को बेहतर संचालन के लिए सरकारी सहायता भी दी है।

संस्कृत स्कूलों में होगी मॉडर्न और ट्रेडिशनल सब्जेक्ट्स की पढ़ाई

डिपार्टमेंट ऑफ सेकेंडरी एजुकेशन के डिप्टी डायरेक्टर सीएल चौधरी ने ये भी बताया कि इन स्कूलों में दो स्ट्रीम्स के सब्जेक्ट पढाए जाएंगे- ट्रेडिशनल और मॉडर्न। सीएल चौधरी ने ये भी बताया कि अभी इन सब्जेक्ट्स का करिकुलम डिजाइन किया जा रहा है। इन स्कूलों में टीचर्स की भर्ती के लिए भी फ्रेमवर्क बनाया जा रहा है।

क्लास 1 से 12वीं तक संस्कृत में होगी पढ़ाई

डिपार्टमेंट ऑफ सेकेंडरी एजुकेशन के डायरेक्टर महेंद्र देव ने बताया कि संस्कृत स्कूल शुरू करने का प्रपोजल करीब छह महीने पहले पास हो गया था। उन्होंने बताया कि प्रदेश में संस्कृत भाषा को प्रमोट करने के लिए ये कदम उठाया गया है। वहीं, डिपार्टमेंट ऑफ सेकेंडरी एजुकेशन के डिप्टी डायरेक्टर सीएल चौधरी ने बताया कि इन सभी स्कूलों में क्लास 1 से लेकर 12वीं तक पढ़ाई होगी। स्कूलों के कंस्ट्रक्शन के लिए जमीन फाइनल कर ली गई है और सारा पेपरवर्क भी पूरा हो चुका है। इन सभी स्कूलों में स्मार्ट क्लासेस होंगी।

प्रोजेक्ट अलंकार का उपयोग कर सकेंगे संस्कृत स्कूल

इसके अलावा हाल ही में उत्तर प्रदेश सरकार ने सरकारी सहायता प्राप्त संस्कृत बोर्ड के 970 स्कूलों को प्रोजेक्ट अलंकार से जोड़ने के लिए नियमों में संशोधन किया है। इसके बाद अब ये स्कूल भी प्रोजेक्ट अलंकार के तहत स्कूलों का रेनोवेशन कर पाएंगे। दरअसल, डायरेक्टरेट ऑफ एजुकेशन को बस्ती, मुजफ्फरनगर, सोनभद्र, अम्बेडकरनगर, गोंडा, गोरखपुर, बलरामपुर और महाराजगंज के सरकारी सहायता प्राप्त संस्कृत स्कूलों के रेनोवेशन के लिए करीब 22 करोड़ रुपए के इस्तेमाल का प्रपोजल मिला था। इसके बाद इस प्रोजेक्ट से संस्कृत स्कूलों को जोड़ने का फैसला लिया गया है।

क्या है प्रोजेक्ट अलंकार

उत्तर प्रदेश सरकार ने एकेडमिक सेशन 2022-23 में प्रदेश के सभी स्कूलों के सौंदर्यीकरण और रेनोवेशन के लिए प्रोजेक्ट अलंकार के तहत 100 करोड़ रुपए आवंटित किए थे। इस प्रोजेक्ट के तहत स्कूल अपने इंफ्रास्ट्रक्चर में 12 तरह के बदलाव कर सकते हैं। इनमें पीने का साफ पानी, लड़के-लड़कियों के लिए अलग-अलग क्लासरूम का कंस्ट्रक्शन, लैबरेट्री, स्पोर्ट्स ग्राउंड, बैडमिंटन कोर्ट, वॉलीबॉल कोर्ट, ओपन जिम और मल्टीपर्पज हॉल, स्मार्ट क्लास, लाइब्रेरी, सोलर प्लांट और रेन वॉटर हार्वेस्टिंग सिस्टम शामिल हैं।

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