नई दिल्ली- केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने कहा कि किसी भी देश की आंतरिक व सीमाओं की सुरक्षा पुलिस तंत्र के बिना संभव नहीं है। सरकार ने आतंकवाद के खिलाफ जीरो टालरेंस की नीति को बरकरार रखते हुए सख्त कानून बनाये हैं और पुलिस के आधुनिकीकरण के लिए ‘पुलिस टेक्नोलाजी मिशन’ की स्थापना कर विश्व का सर्वश्रेष्ठ आतंकवाद रोधी बल बनने की दिशा में काम किया है।
एक दशक में आतंकवाद, उग्रवादी हमलों, नक्सलवाद और नस्लीय हिंसा में 65 प्रतिशत की कमी आई है। क्रिमिनल जस्टिस सिस्टम को बदलने के लिए सरकार तीन नए क्रिमिनल लॉ ला रही है। अंग्रेजों के समय के कानून की जगह लेने वाले इन तीन नए कानूनों में भारतीयता भी होगी और संविधान की स्पिरिट से हर नागरिक के अधिकारों की सुरक्षा भी होगी।
जवानों को श्रद्धांजलि अर्पित की
अमित शाह ने यह बात शनिवार को ”पुलिस स्मृति दिवस” पर नई दिल्ली स्थित राष्ट्रीय पुलिस स्मारक पर बलिदानी जवानों को श्रद्धांजलि अर्पित के बाद पुलिसकर्मियों को संबोधित करते हुए कही। इस अवसर पर 36,250 पुलिसकर्मियों को श्रद्धांजलि दी गई। उन्होंने कहा कि पुलिस स्मारक प्रतीक मात्र नहीं है बल्कि ये हमारे पुलिसकर्मियों के बलिदान, त्याग और राष्ट्र निर्माण के प्रति उनके समर्पण की पहचान है।
अमित शाह ने कही ये बात
पुलिस टेक्नोलाजी मिशन, तीन नए कानूनों और अंतर संचालित आपराधिक न्याय प्रणाली के माध्यम से क्रिमिनल जस्टिस सिस्टम में पारदर्शिता और स्पीड लाने के लक्ष्य को प्राप्त करने में हम सफल होंगे। उन्होंने कहा कि आज भारत दुनिया में हर क्षेत्र में आगे बढ़ रहा है, इसकी नींव में वीर शहीदों का बलिदान है और ये देश कभी उनके बलिदान को नहीं भुला सकेगा।
अमित शाह ने बलिदानी पुलिसकर्मियों के स्वजन से कहा कि आज भारत, दुनिया में हर क्षेत्र में आगे बढ़ रहा है और इसकी नींव में जवानों का बलिदान है। यह देश कभी उनके बलिदान को नहीं भुला सकेगा। शाह ने कहा कि देश की सेवा में लगे कर्मियों में सबसे कठिन ड्यूटी पुलिसकर्मियों की होती है।
हमारे पुलिसकर्मियों ने हर मौके पर अपने आप को साबित किया है
देश की लंबी भू-सीमा पर जीवन के स्वर्णिम वर्ष अपने परिवार से दूर रहकर देश की सुरक्षा में बिताने, वीरता, शौर्य और बलिदान देकर देश को सुरक्षित रखने का काम हमारे सभी पुलिसबल करते हैं। आतंकवादियों का मुकाबला करना हो, अपराध रोकना हो, भीड़ के सामने कानून-व्यवस्था बनाए रखना हो, आपदाओं दुर्घटनाओं के समय आम नागरिकों की सुरक्षा करनी हो या कोरोना काल जैसे कठिन समय के दौरान पहली पंक्ति में रहकर नागरिकों की सेवा करना हो, हमारे पुलिसकर्मियों ने हर मौके पर अपने आप को साबित किया है।
एक सितंबर, 2022 से 31 अगस्त, 2023 तक एक साल में 188 पुलिसकर्मियों ने देश की सुरक्षा और कानून-व्यवस्था को बनाए रखने के लिए ड्यूटी के दौरान अपना सर्वोच्च बलिदान दिया है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ने अमृतकाल का आह्वान किया है। आजादी के 75 वर्ष समाप्त होने से लेकर आजादी की शताब्दी तक के 25 साल देश को हर क्षेत्र में शीर्ष स्थान पर पहुंचाने के 25 वर्ष हैं। इसके लिए देश के 130 करोड़ लोगों ने सामूहिक और व्यक्तिगत रूप से संकल्प लिए हैं। पिछले एक दशक में हमारे बहादुर पुलिसकर्मियों के कारण आतंकवाद, उग्रवादी हमलों, नक्सलवाद औऱ नस्लीय हिंसा में 65 प्रतिशत की कमी आई है।
हर नागरिक के अधिकारों की सुरक्षा भी होगी
अमित शाह ने कहा कि गत दिनों में एनडीआरएफ के माध्यम से अलग-अलग पुलिस बलों के जवानों ने ना केवल देश बल्कि दुनिया में आपदा प्रबंधन के क्षेत्र में बड़ी उपलब्धियां हासिल की हैं। उन्होंने कहा कि आज जब हम आजादी के अमृतकाल में प्रवेश कर रहे हैं, तब प्रधानमंत्री के नेतृत्व में भारत सरकार तीन नए क्रिमिनल लॉ लेकर आ रही है, जो हमारे क्रिमिनल जस्टिस सिस्टम को आमूलचूल रूप से बदल देंगे। अंग्रेजों के समय बनाए गए 150 वर्ष पुराने कानूनों की जगह लेने वाले इन तीन नए कानूनों में ना सिर्फ भारतीयता दिखाई देगी बल्कि हमारे संविधान की स्पिरिट से हर नागरिक के अधिकारों की सुरक्षा भी होगी।