मां लक्ष्‍मी के प्राकट्य दिवस पर बन रहा 4 शुभ योगों का संयोग,जानें कोजागिरी पूर्णिमा मुहूर्त

कोजागिरी  पूर्णिमा –कोजागिरी पूर्णिमा के दिन मां लक्ष्मी का प्राकट्य हुआ था इसलिए धन की देवी लक्ष्‍मी जी को प्रसन्‍न करने के लिए यह तिथि सबसे खास होती है. साथ ही शरद पूर्णिमा के दिन चंद्रमा अपनी सोलह कलाओं से परिपूर्ण होते हैं और अमृत की वर्षा करते हैं इसलिए इस दिन चंद्र देव की पूजा करना भी बेहद फलदायी माना जाता है. शरद पूर्णिमा को कोजागरी पूर्णिमा भी कहते हैं. इस बार शरद पूर्णिमा पर कई ऐसे शुभ योग बन रहे हैं, जिससे इसका महत्‍व और भी बढ़ गया है. साथ ही इस दिन शुभ मुहूर्त में विधि विधान से लक्ष्‍मी जी की पूजा करना खूब सुख-समृद्धि देगा.

शरद पूर्णिमा की तारीख और शुभ योग

कोजागिरी पूर्णिमा अश्विन पूर्णिमा के दिन मनाई जाती है. पंचांग के अनुसार अश्विन पूर्णिमा तिथि 28 अक्टूबर की सुबह 4 बजकर 18 मिनट से प्रारंभ होगी और 29 तारीख की मध्‍यरात्रि 1 बजकर 54 मिनट पर समाप्त हो जाएगी. शरद पूर्णिमा का व्रत और पूजा 28 अक्टूबर को होगी.

इस साल शरद पूर्णिमा पर कई शुभ योग हैं. 28 अक्टूबर, शनिवार को कोजागिरी पूर्णिमा के दिन गजकेसरी योग, बुधादित्य योग, शश योग, सौभाग्य योग और सिद्धि योग का शुभ संयोग बन रहा है. इन योगों को बेहद शुभ माना गया है.

इस साल का अंतिम चंद्रग्रहण शरद पूर्णिमा की रात ही लग रहा है और यह चंद्र ग्रहण भारत में नजर आएगा. भारत में चंद्रग्रहण दिखाई देने के कारण इसका सूतक काल भी मान्य होगा. बता दें कि चंद्र ग्रहण लगने से 9 घंटे पहले ही सूतक काल लग जाएगा. इस तरह दोपहर बाद 4 बजे से ही सूतक काल लग जाएगा. लिहाजा इससे पहले ही पूजा कर लेना बेहतर रहेगा.

शुभ – उत्तम मुहूर्त सुबह 07:54 से 09:17 बजे तक
चर – सामान्य मुहूर्त दोपहर 12:05 बजे से 01:28 बजे तक
लाभ – उन्नति मुहूर्त दोपहर 01:28 बजे से 02:52 बजे तक
अमृत – सर्वोत्तम मुहूर्त दोपहर 02:52 बजे से 04:16 बजे तक

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