नई दिल्ली: दाल की बढ़ती कीमतों के मद्देनजर केंद्र सरकार ने अरहर और उरद दाल ने स्टॉक लिमिट की अवधि को 30 अक्टूबर 2023 से बढ़ाकर 31 दिसंबर 2023 कर दिया है. सरकार ने स्टॉक होल्डिंग इकाइयों के लिए स्टॉक रखने की लिमिट को घटाते हुए बदलाव का ऐलान किया है.
सरकार की तरफ से जारी किए गए नोटिफिकेशन के अनुसार होलसेलर्स और बड़े चेन रिटेलर्स के लिए स्टॉक रखने की लिमिट को 200 मिट्रिक टन से घटाकर 50 मिट्रिन टन करने की घोषणा की है. वहीं मिलर्स के लिए स्टॉक रखने की लिमिट को मौजूदा 3 महीने के प्रोडक्शन या सलाना क्षमता के 25 फीसदी की जगह घटाकर 1 महीने के प्रोडक्शन या सलाना उत्पादन क्षमता का 10 प्रतिशत कर दिया है.
सरकार ने स्टॉक मिलिट को घटाने और अवधि को बढ़ाने का निर्णय जमाखोरी को रोकने और अरहर और उरद दाल के बाजार में उचित मुल्य पर उपभोक्ताओं के लिए दाल की उपलब्धता बढ़ाने के मकसद से लिया है. सरकार के ताजा आदेश के अनुसार सभी राज्यों और केंद्र शाषित प्रदेशों के लिए अरहर और उरद दाल की स्टॉक लिमिट को 31 दिसंबर तक के लिए बढ़ाया गया है. अब हर एक दाल होलसेलर्स 50 मिट्रिक टन, रिटेलर्स 5 मिट्रिक टन, रिटेल आउटलेट 5 मिट्रिक टन और बड़े चेन रिटेलर्स 50 मिट्रिक टन डिपो में रख सकते हैं.
इंपोर्टर कस्टम क्लीयरेंस की तारीख के 30 दिनों ज्यादा नही रख सकेंगे
सरकार के आदेश के अनुसार दाल आयात करने वाले इंपोर्टर कस्टम क्लीयरेंस की तारीख के 30 दिनों से ज्यादा दाल का स्टॉक अपने पास नहीं रख सकते. सभी दाल ट्रेडर्स को डिपार्टमेंट ऑफ कंज्यूमर अफेसर्य के वेबसाइट https://fcainfoweb.nic.in/psp पर जाकर अरहर और उरद दाल के स्टॉक का खुलासा करना होगा. और अगर उनके पास स्टॉक तय लिमिट से ज्यादा है तो 30 दिनों के भीतर उसे नीचे लाना होगा.
सरकार ने 2 जनवरी 2023 को सबसे पहले अरहर और उरद दाल की जमाखोरी, कीमतों पर अफवाह को रोकने और उपभोक्ताओं के लिए उचित मुल्य पर दाल उपलब्ध कराने के लिए स्टॉक लिमिट लगाने का फैसला किया था. उपभोक्ता मामलों के विभाग का कहना है कि पोर्टल के जरिए अरहर और उरद दाल के स्टॉक पर पैनी नजर वो बनाए हुए है.