नई दिल्ली- जब भी आप कोई इलेक्ट्रिक प्रोडक्ट खरीदते हैं तो आपको वारंटी या गारंटी जरूर ऑफर की जाती होगी. आमतौर पर हर प्रोडक्ट पर एक या फिर दो साल की वारंटी ऑफर की जाती है. यह किसी भी प्रोडक्ट के प्रति ट्रस्ट को बढ़ाता है. लेकिन क्या आपको वारंटी और गारंटी के बीच अंतर मालूम है. अगर आप भी कोई सामान खरीदने जा रहे हैं तो यह जान लेना जरूरी है कि आपके प्रोडक्ट पर जो मिली है वो गारंटी है या वारंटी…
गारंटी या वारंटी वाले प्रोडक्ट थोड़े महंगे पड़ते हैं, लेकिन इनकी विश्वसनीयता अच्छी होती है. ऐसे बहुत से लोग है, जिन्हें इनके बीच का अंतर नहीं पता होता और वो दोनों को एक ही समझ लेते हैं. वहीं, कुछ लोग ऐसे भी होते हैं जिन्हें इनका अंतर तो मालूम होता है, लेकिन उन्हें इस बात को लेकर कन्फ्यूजन रहता है कि इनके क्या प्रावधान हैं.
किसे कहते हैं वारंटी
विक्रेता की ओर से ग्राहक को दी जाने वाली एक विशेष छूट जिसमें बेचे गए प्रोडक्ट के खराब होने की दशा में दुकानदार या कंपनी द्वारा उसे ठीक कराकर दिया जाता है. इसे वारंटी कहते हैं. जितने समय के लिए वारंटी दी जाती है अगर उस दौरान प्रोडक्ट में किसी तरह की कोई दिक्कत आती है तो उसे फ्री में ठीक करवाया जा सकता है. हालांकि इसके लिए खरीदी गयी वस्तु का पक्का बिल या वारंटी कार्ड होना जरूरी है
गारंटी किसे कहते हैं
अगर ग्राहक को खरीदे गए सामान पर विक्रेता या कंपनी की तरफ से 1 साल की गारंटी दी गई है तो उसका मतलब है कि अगर इस बीच वह सामान खराब होता है तो ग्राहक उसे बदलकर नया सामान ले सकता है. इसमें भी यह काम सिर्फ निर्धारित समय के भीतर ही होता है. इसके अलावा ग्राहक के पास उस सामान का पक्का बिल या फिर गारंटी कार्ड होना जरूरी है. वैसे अब ज्यादातर कंपनियों ने गारंटी की जगह वारंटी देना शुरू कर दिया है.