नई दिल्ली- उपभोक्ता मामलों, खाद्य और सार्वजनिक वितरण मंत्रालय ने गुरुवार को बताया कि भारत विश्व का 13वां ऐसा देश बन गया है जो अंतरराष्ट्रीय स्तर पर स्वीकार्य एक अंतर सरकारी संगठन ओआईएमएल (इंटरनेशनल ऑर्गनाइजेशन ऑफ लीगल मेट्रोलॉजी) के अधिकृत सर्टिफिकेट जारी कर सकेगा।
मापक यंत्रों का भारत में ही परीक्षण
इसके जरिये घरेलू निर्माता अपने बाटों और अन्य सभी प्रकार के मापक यंत्रों का भारत में ही परीक्षण करा सकेंगे और फिर उसे अंतरराष्ट्रीय बाजार में बेचा जा सकेगा।मंत्रालय के अनुसार, भारत को ओआईएमएल सर्टिफिकेट जारी करने की क्षमता मिलने से अंतरराष्ट्रीय निर्माता भी अपने मापक यंत्रों का परीक्षण भारत में करा सकेंगे। इससे भारत में रोजगार तो पैदा होगा ही इस उपलब्धि से राजस्व भी मिलेगा।
ओआईएमएल संगठन को 1955 में बनाया गया था
ओआईएमएल संगठन को 1955 में कानूनी मेट्रोलॉजी प्रक्रियाओं के वैश्विक सामंजस्य को बढ़ावा देने के लिए बनाया गया था, जो अंतरराष्ट्रीय व्यापार को रेखांकित और सुविधाजनक बनाता है। भारत इसका सदस्य 1956 में बना था। भारत अब बाटों और अन्य मापक यंत्रों को अंतरराष्ट्रीय रूप से स्वीकार्य ओआईएमएल सर्टिफिकेट जारी करने को अधिकृत हो गया है।
भारत से पहले 12 देशों को अधिकार
इस सर्टिफिकेट के साथ विश्व में इन सभी मापक यंत्रों को कहीं भी बेचा जा सकेगा। भारत अब स्वदेशी निर्माताओं के बाटों और अन्य मापक यंत्रों को सर्टिफिकेट बिना किसी अतिरिक्त फीस के जारी कर सकता है। भारत से पहले यह अधिकार जिन अन्य 12 देशों को हासिल है, वह ऑस्ट्रेलिया, स्विट्जरलैंड, चीन, चेक गणराज्य, जर्मनी, डेनमार्क, फ्रांस, ब्रिटेन, जापान, नीदरलैंड, स्वीडन और स्लोवाकिया हैं।