Saturday, November 23, 2024
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Supreme Court की इस वेबसाइट पर ना डाले अपनी निजी जानकारी ,कोर्ट ने जारी की एडवाइजरी

नई दिल्ली- सुप्रीम कोर्ट की ओर से लोगों को अलर्ट किया गया है कि कोई भी यदि उच्चतम न्यायालय की ओर से निजी जानकारी मांगे, तो उसे साझा नहीं करना है।कुछ लोगों ने सुप्रीम कोर्ट की फर्जी वेबसाइट बना ली है और लोगों ने उनकी निजी जानकारी मांग रहे हैं और फिर उसका दुरुपयोग किया जा सकता है।

सुप्रीम कोर्ट की ओर से एक सर्कुलर जारी करते हुए कहा गया है कि उसकी रजिस्ट्री को उसकी वेबसाइट पर फिशिंग हमले के बारे में बताया गया है। आधिकारिक वेबसाइट की नकल करते हुए एक फर्जी वेबसाइट बनाई गई है। यूआरएल के माध्यम से आरोपी व्यक्तिगत विवरण और गोपनीय जानकारी मांग रहे हैं।

आधिकारिक वेबसाइट पर फिशिंग अटैक

रजिस्ट्री ने एक बयान जारी करते हुए कहा कि उसे एक फिशिंग हमले के बारे में बताया गया है, जिसमें सुप्रीम कोर्ट की आधिकारिक वेबसाइट की नकल करते हुए एक फर्जी अकाउंट बनाया गया है। सुप्रीम कोर्ट की आधिकारिक वेबसाइट main.sci.gov.in है, जिसकी जगह  cbins/scigv.com और cbins.scigv नाम की नकली वेबसाइट होस्ट की गई है।

क्राइम ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग वेबसाइट पर मांगी निजी जानकारी

एक दूसरा यूआरएल बनाया गया है, जो ‘क्राइम ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग’ के लिए है, लेकिन इसमें आंगुतकों की निजी जानकारी ली जा रही है। इस निजी जानकारी में लोगों की पर्सनल जानकारी, इंटरनेट बैंकिंग की जानकारी, क्रेडिट और डेबिट कार्ड की जानकारी ली जा रही है।

आधिकारिक वेबसाइट की तरह दिखने वाली वेबसाइट अपराध का विवरण देती है और फिर उपयोगकर्ता को बैंक का नाम, फोन नंबर, पैन कार्ड नंबर, ऑनलाइन बैंकिंग उपयोगकर्ता आईडी, लॉग-इन पासवर्ड और ‘कार्ड’ सहित विभिन्न बॉक्स को भरने को कहती है। साथ ही, पासवर्ड के लिए थोड़ी जगह छोड़ देते हैं।

सुप्रीम कोर्ट नहीं मांगेगा आपकी जानकारी

सुप्रीम कोर्ट की ओर से जारी की गई एडवाइजरी में कहा गया है, “उपरोक्त यूआरएल पर किसी भी आगंतुक को दृढ़ता से सलाह दी जाती है कि वह किसी भी व्यक्तिगत और गोपनीय जानकारी को साझा न करें, क्योंकि इससे अपराधियों को जानकारी चुराने में मदद मिलेगी। कृपया ध्यान दें कि रजिस्ट्री, भारत का सर्वोच्च न्यायालय, कभी भी व्यक्तिगत जानकारी, वित्तीय जानकारी या अन्य गोपनीय जानकारी नहीं मांगेगा।

एडवाइजरी में बताई आधिकारिक वेबसाइट

रजिस्ट्री ने कहा कि भारत के सर्वोच्च न्यायालय ने कानून प्रवर्तन एजेंसियों को इस फिशिंग हमले के बारे में जानकारी दे दी है, ताकि वे इसकी जांच कर सकें और अपराधियों के खिलाफ कार्रवाई कर सकें।एडवाइजरी में इस बात पर भी जोर दिया गया है कि भारत के सर्वोच्च न्यायालय का आधिकारिक डोमेन www.sci.gov.in है। साथ ही, कहा गया कि लोग इस पर क्लिक करने से पहले यूआरएल को वेरीफाई कर लें।

इसमें कहा गया है, “यदि आप उपरोक्त फिशिंग हमले का शिकार हुए हैं, तो कृपया अपने सभी ऑनलाइन खातों के पासवर्ड बदल लें और इसकी जानकारी रिपोर्ट करने के लिए अपने बैंक और क्रेडिट कार्ड कंपनी से भी संपर्क करें।”

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