अब देश में बनेंगे पीसी-लैपटॉप ,HP समेत 38 कंपनियों ने किया आवेदन

नई दिल्ली- देश में लैपटॉप, कंप्यूटर, आईटी हार्डवेयर बनाने के लिए 58 कंपनियों ने रजिस्ट्रेशन किया था. वहीं आईटी हार्डवेयर पीएलआई स्कीम (PLI 2.0 IT hardware scheme) के तहत 38 कंपनियों ने अप्लाई किया है. बता दें, पीएलआई स्कीम कुल 17, 000 करोड़ की है और बुधवार को इसमें आवेदन करने के लिए आखिरी दिन था. सरकार स्कीम के तहत कंपनियों को 4 से 7 प्रतिशत का इंसेंटिव देगी.

कंपनियां एक नवंबर से सीधे लैपटॉप और कंप्यूटर आयात नहीं कर सकेंगी. कंपनी को एक नवंबर से सरकार से लाइसेंस लेना होगा. इस स्कीम में HP समेत कई कंपनियों ने देश में मैन्युफैक्चरिंग करने में रुचि दिखाई है. कंपनियों को भारत में मैन्यूफैक्चरिंग करने के लिए 8 से 12 महीने का वक्त लगेगा.

पीएलआई स्कीम के लिए आवेदन

जानकारी के अनुसार बुधवार शाम साढ़े पांच बजे के आसपास आवेदकों की संख्या 32 थी. मगर रात साढ़े 10 बजे तक आवेदनों की संख्या बढ़कर 38 हो गई. पीएलआई स्कीम के लिए आवेदन जमा करने की विंडो आधी रात को बंद हो जाती है.

PLI स्कीम को लेकर कंपनियों से बढ़िया प्रतिक्रिया

इससे पहले आईटी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बुधवार को कहा था कि आईटी हार्डवेयर पीएलआई स्कीम को लेकर कंपनियों से बढ़िया प्रतिक्रिया मिली है. उन्होंने कहा कि उम्मीद से ज्यादा कंपनियों ने इसके लिए आवेदन भी किया है. अश्विनी वैष्णव ने कहा कि आवेदन करने वाली कंपनियों में फॉक्सकॉन, एचपी, डेल और लेनोवो जैसी कंपनियों के अलावा फ्लेक्सट्रॉनिक्स, डिक्सन, एसर, थॉम्पसन, वीवीडीएन भी शामिल हैं.

सरकार से लेना होगा लाइसेंस

पीएलआई स्कीम से लैपटॉप, ऑल-इन-वन पीसी, सर्वर और टैबलेट जैसे डिवाइस का घरेलू स्तर पर प्रोडक्शन बढ़ाने का प्रयास है. इस स्कीम के तहत चुनी जाने वाली कंपनियों को सरकार इंसेंटिव देगी. आईटी मंत्री ने कहा कि यह स्कीम इसलिए भी अहम है कि सरकार ने एक नवंबर से लैपटॉप और टैबलेट जैसे डिवाइसों के आयात पर पाबंदी लगादी है. अब इनका सीधे आयात नहीं किया जा सकता और इसके लिए सरकार से लाइसेंस लेना होगा.

मोबाइल फोन बनाने वाला दूसरा बड़ा देश

अश्विनी वैष्णव ने कहा कि पिछले आठ सालों में भारत में इलेक्ट्रॉनिक प्रोडक्ट की मैन्युफैक्चरिंग 17 प्रतिशत की वार्षिक दर से बढ़ा है. उन्होंने बताया कि इस साल यह 105 अरब डॉलर के आंकड़े को पार कर गया. आज भारत मोबाइल फोन बनाने वाला दूसरा बड़ा देश बन गया है. आईटी मत्री ने कहा कि डिक्सन ने नोएडा में अपना प्लांट भी लगा लिया है और यहां जल्द से जल्द पोडक्शन शुरू हो जाएगा. हालांकि ज्यादातर कंपनियां 2024 के अप्रैल से प्रोडक्शन शुरू करेंगी.

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