नई दिल्ली- भारत की स्पेस एजेंसी इसरो ने चंद्रयान-3 की 23 अगस्त को चांद के दक्षिणी ध्रुव पर ऐतिहासिक सॉफ्ट लैंडिंग करवाई थी। इसके बाद से ही चंद्रमा पर खोज के लिए चंद्रयान-3 का रोवर प्रज्ञान इसकी सतह पर चहलकदमी कर रहा है। चंद्रयान 3 ने मंगलवार को चंद्रमा पर एल्यूमीनियम, कैल्शियम आदि जैसे कई अन्य तत्वों के अलावा सल्फर और ऑक्सीजन की मौजूदगी की पुष्टि की है।
चंद्रयान-3 से मिलने वाले डेटा की विशेषता और यह क्यों खास है, इसे बारे में बात करते हुए स्पेस वैज्ञानिक टीवी वेंकटेश्वरन ने समाचार एजेंसी एएनआई से कहा, “अब रोवर ने चंद्रमा की सतह पर कुछ तत्वों की खोज की है। यह अलग-अलग जगहों पर जाएगा और तात्विक संरचना और सांद्रता की खोज करेगा।
रिमोट सेंसिंग के डेटा पर विश्वास और बढ़ेगा
वैज्ञानिक टीवी वेंकटेश्वरन ने आगे कहा, “चंद्रयान 1, चंद्रयान 2 और अमेरिकी ऑर्बिटर पहले ही रिमोट सेंसिंग के जरिए चांद के इस इलाके में खनिजों की मैपिंग कर चुके हैं, लेकिन ये रिमोट सेंसिंग 100 किमी दूर से की गई है। इसकी पुष्टि के लिए कुछ जगहों पर उतरना होगा। अगर दूर से लिया गया डेटा चांद की सतह पर जुटाए गए डेटा से मैच करता है, तो रिमोट सेंसिंग के डेटा पर विश्वास और बढ़ेगा।
चंद्रयान 3 ने चंद्रमा पर इन खनिजों की खोज की है
एल्यूमिनियम, सल्फर, कैल्शियम, आयरन, क्रोमियम, टाइटेनियम, मैंगनीज, सिलिकॉन,ऑक्सीजन यह चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव के पास मौजूद तत्वों का पहला इन-सीटू माप है। चंद्रयान 3 ने स्पष्ट रूप से एल्यूमीनियम, कैल्शियम, लौह और इन तत्वों की मौजूदगी की पुष्टि की है.