धर्म-जन्माष्टमी से पहले हलष्ठी व्रत रखा जाता है। महिलाएं यह व्रत संतान के लिए रखती हैं, इस । उदया तिथि को देखते हुए इस साल हलषष्ठी 5 सितंबर 2023 को है। यह पर्व भगवान कृष्ण के बड़े भाई बलराम के जन्मोत्सव के रूप में मनाया जाता है। इसके एक दिन बाद कृष्ण जन्माष्टमी 6 और सात सिंतबर दोनों दिन मनाई जाएगी। इसके अलावा 31 अगस्त से पंचक भी शुरू हो रहे हैं।
29 अगस्त (मंगलवार) श्रावण शुद्ध शुक्ल त्रयोदशी दोपहर 02.48 मिनट तक पश्चात चतुर्दशी । ऋग्वेदी उपाकर्म । 30 अगस्त (बुधवार) श्रावण शुद्ध शुक्ल चतुर्दशी प्रात 10.59 मिनट तक पश्चात पूर्णिमा । भद्रा प्रात 10.59 मिनट से रात्रि 09.03 मिनट तक रहेगा। पंचक प्रारंभ प्रातः 10.19 मिनट से रक्षा बंधन (भद्रा बाद)। श्री सत्यनारायण व्रत । गायत्री जयंती । हयग्रीव जयंती के बाद 31 अगस्त (गुरुवार) श्रावण शुद्ध शुक्ल पूर्णिमा प्रात 07.06 मिनट तक पश्चात प्रतिपदा। संस्कृत दिवस। गायत्री जपम्। भाद्रपद कृष्ण प्रतिपदा का क्षय और पंचक लगेगा ।
- 01 सितंबर (शुक्रवार) भाद्रपद कृष्ण द्वितीया रात्रि 11.51 मिनट तक। पंचक। भाद्रपद कृष्ण पक्ष प्रारंभ।
- 02 सितंबर (शनिवार) भाद्रपद कृष्ण तृतीया रात्रि 08.50 मिनट तक। पंचक। कज्जली तृतीया।
- 03 सितंबर (रविवार) भाद्रपद कृष्ण चतुर्थी सायं 06.25 मिनट तक। पंचक समाप्त। श्री गणेश (बहुला) चतुर्थी व्रत।
- 04 सितंबर (सोमवार) भाद्रपद कृष्ण पंचमी सायं 04.43 मिनट तक। गंडमूल प्रात 09.27 मिनट तक।
चंदन षष्ठी व्रत। वृहद गौरी व्रत। पंचांग के अनुसार भाद्रपद माह के कृष्ण पक्ष की षष्ठी तिथि की शुरुआत 4 सितंबर 2023 को शाम 04 बजकर 41 मिनट पर हो रही है। इसका समापन अगले दिन 5 सितंबर 2023 को दोपहर 03 बजकर 46 मिनट पर होगा। उदया तिथि को देखते हुए इस साल हलषष्ठी 5 सितंबर 2023 को है।
कृष्ण जन्माष्टमी तिथि प्रारम्भ
सितम्बर 06, 2023 को 03:37 दोपहर में शुरू होगी और अगले दिन – सितम्बर 07, 2023 को 04:14 बजे शाम को खत्म होगी। रोहिणी नक्षत्र सितम्बर 06, 2023 को 09:20 बजे सुबह शुरू होगा और सितम्बर 07 2023 को 10:25 बजे सुबह समाप्त होगा