जानकारी- बाइक चलाने वालों को हर समय सुचना दी जाती है कि वो हेलमेट जरूर पहनें. इस सुचना को ज्यादातर लोग नहीं मानते और इसका दंड उन्हें अपनी जान देकर चुकाना पड़ता है. साल 2018 में 43,600 लोगों ने सिर्फ इस लिए सड़क हादसों में अपनी जान गंवा दी थी, क्योंकि उन्होंने हेलमेट नहीं लगाया था. वहीं साल 2017 में ये आंकड़ा 35,975 थी.
क्या है ट्रिब्यूनल का आदेश?
मुंबई की मोटर दुर्घटना दावा ट्रिब्यूनल ने सड़क हादसे के शिकार एक 38 साल के व्यक्ति की पत्नी, बच्चों और मां को दिए जाने वाले मुआवजे की राशि को लेकर निर्णय देते हुए कहा कि हादसे का शिकार हुए व्यक्ति ने बाइक चलाते समय हेलमेट नहीं लगाया था और मोटर व्हीकल एक्ट के नियमों का उल्लंघन किया था, इसलिए इनके परिवार को दी जाने वाली राशि में से 30 फीसदी की कटौती की जाएगी. इस मामले में पीड़ित परिवार को 1.02 करोड़ रुपये का मुआवजा मिलना था, लेकिन कोर्ट के फैसले के बाद अब तीस फीसदी की कौटती के बाद जो रकम बचेगी वो पीड़ित परिवार को मिलेगी.
हेलमेट होती तो शायद बच जाती जान
जब इस केस पर सुनवाई हो रही थी, तब ट्रिब्यूनल ने पाया कि एक्सीडेंट की वजह ट्रक ड्राइवर की गलती थी. इसके साथ ही ट्रिब्यूनल ने ये भी पाया कि एक्सीडेंट के वक्त बाइक चालक ने हेलमेट नहीं पहनी थी. ऐसा इसलिए क्योंकि मौके पर कोई हेलमेट नहीं मिला था. यहां तक गवाहों को भी पीड़ित व्यक्ति के आस पास कोई हेलमेट नहीं दिखा था. इसीलिए आपको सलाह दी जाती है कि जब भी घर से बाहर निकलें हेलमेट लगा कर निकलें. ऐसे आप अपनी जान भी बचा सकते हैं और ट्रैफिक नियमों के उल्लंघन से भी बच सकते हैं.