बुखार से लेकर लिवर, किडनी ,कैंसर,मुहांसे, खाज-खुजली, ऑयली त्वचा और बालों की किसी भी समस्या रहत दिलाता हैं लेमनग्रास

स्वास्थ सरिता– एक पुराना किस्सा है। एक वैद्य कहीं जा रहे थे। वह जिस गांव से गुजरे, वहां महामारी फैली थी, लोग बुखार से दम तोड़ रहे थे। वैद्य ने उनकी मदद करने का निर्णय लिया और पास के जंगल में जड़ी-बूटियां तलाशने लगे।वहां उन्हें घास की झाड़ियां मिलीं, जिनसे नींबू जैसी खुशबू आ रही थी। वैद्य ने उस घास की पत्तियां काटीं, गांव लौटकर उससे काढ़ा बनाया। यह काढ़ा पीते ही लोग ठीक होने लगे, बुखार छूमंतर हो गया। यह घास थी-भूतृण, जिसे अंग्रेजी में लेमनग्रास कहते हैं।

दुनिया भर में इसे कई तरह से यूज किया जाता है। कहीं इसके तेल को तंत्र-मंत्र और जादू से जोड़ा जाता है तो कहीं इसे दिमाग के लिए टॉनिक माना जाता है। इसकी पत्तियों, डंठल, जड़, फूल हर हिस्से का इस्तेमाल होता है।

त्चचा, बाल, सिरदर्द में यह तेल करे कमाल

मुहांसे, खाज-खुजली, ऑयली स्किन जैसी त्वचा और बालों की किसी भी समस्या से परेशान हैं, तो लेमनग्रास का तेल लगाइए और चमत्कार देखिए। सिरदर्द, मलेरिया और पेट के कई रोगों में यह तेल बहुत फायदेमंद है। अगर बुखार के साथ ठंड भी लग रही है, तो लेमनग्रास के तेल से बदन पर मालिश करें।

what is lemongrass exactly and best ways of using it - लेमनग्रास क्या होता  है और कैसे करें इसका इस्तेमाल

बुखार पर रामबाण दवाई लेमनग्रास से बनी चाय

1947 में जब भारत आजाद हुआ, उसी साल अमेरिका में इसकी खेती शुरू हुई। भूतृण और लेमनग्रास के अलावा इसके कई और दिलचस्प नाम भी हैं, जैसे कोचीन ग्रास, सिल्की हेड्स, मालाबार ग्रास। बुखार उतारने में इसका कमाल देख इसे ‘फीवर ग्रास’ भी कहा जाने लगा। चाय के अलावा इसका काढ़ा पीने से भी बुखार उतरता है।1905 में श्रीलंका के एक वैज्ञानिक दक्षिण भारत से लेमनग्रास के पौधे ले गए। रिसर्च के दौरान उन्हें भी इसके तेल के फायदे पता चले तो दुनिया भर में इसकी डिमांड बढ़ने लगी।

तंत्र विद्या में लेमनग्रास के तेल का इस्तेमाल

जब लोगों को अफ्रीका से गुलाम बनाकर अमेरिका लाया गया, तो वे अपनी परंपराएं और जड़ी-बूटियों के बारे में पूर्वजों से मिली जानकारियां भी साथ ले गए। इनमें से कुछ अफ्रीकी समुदाय ‘हूडू’ नाम की तंत्र विद्या की प्रैक्टिस करते थे। ‘हूडू’ में लेमनग्रास का तेल सबसे पवित्र और जरूरी हिस्सा था। वे मानते थे कि इसका तेल शैतान और बुरी आत्माओं से बचाता है, घर में पॉजिटिव एनर्जी लाता है, प्यार की डोर मजबूत करता है।

Lemongrass Oil Health Benefits in Hindi | lemongrass oil health benefits in  hindi | HerZindagi

डायरिया, अनियमित माहवारी में फायदेमंद

भारत से चीन तक लेमनग्रास से बनी चाय का उपयोग बुखार, डायरिया, अनियमित माहवारी और पेट दर्द की दवा के तौर पर होता है। ​​​क्यूबा और कैरेबियाई देशों में ब्लड प्रेशर को कंट्रोल करने, पाचन क्षमता को सुधारने के लिए लोग यही चाय पीते हैं। गले में खराश, गठिया, मांसपेशियों की ऐंठन, डायबिटीज में भी यह चाय फायदेमंद है। पीरियड्स समय पर नहीं आते तो इसकी पत्तियों से काढ़ा बनाएं और काली मिर्च मिलाकर पीने से फायदा मिलेगा।

लिवर, किडनी के लिए लाभदायी, कैंसर का खतरा करे कम

पेट दर्द हो रहा है तो लेमनग्रास के साथ पुदीना, काली मिर्च, सोंठ और चीनी का पेस्ट बनाकर खाने से आराम मिलता है। इसकी पत्तियां अपच और गैस में राहत दिलाती हैं। पेट को हेल्दी बनाती हैं। NCBI पर मौजूद रिपोर्ट्स के मुताबिक लेमनग्रास आंखों, लिवर और किडनी के लिए भी फायदेमंद है। शरीर को नुकसान पहुंचाने वाले तत्वों को यह यूरिन के जरिए बाहर निकाल देती है। जिससे किडनी की पथरी का खतरा कम होता है। इसकी पत्तियां और तेल कैंसर से बचाने में मददगार हैं।

लेमनग्रास के फूल वजन घटाने, दिमाग और नवर्स सिस्टम के लिए टॉनिक

अगर डायबिटीज है तो खाली पेट लेमनग्रास की पत्तियां और फूल खाएं, जिससे ब्लड शुगर नहीं बढ़ता। नर्वस सिस्टम के लिए लेमनग्रास किसी टॉनिक से कम नहीं। इसमें मौजूद मैग्नीशियम दिमाग को बीमारियों से बचाता है। जिससे घबराहट, चक्कर आने जैसी समस्याएं भी दूर होती हैं।इसके अलावा, एक अन्य शोध में इस बात का जिक्र मिलता है कि लेमनग्रास में बीटा सिट्रोनेलोल नाम का केमिकल वजन घटाने में मददगार है। यह खून में बैड कोलेस्ट्रॉल को बढ़ने से रोकता है। यह ब्लड प्रेशर में भी फायदेमंद है।

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लेमनग्रास को कई प्रकार से इस्तेमाल में लाया जा सकता है…

मानसिक समस्याओं और सांस की बीमारियों से बचाए- नींद न आने, डिप्रेशन, तनाव, चिंता और थकान में भी लेमनग्रास की चाय पीने और तेल से अरोमाथेरेपी लेने से राहत मिलती है। साइनस, अस्थमा, फ्लू और सांस की बीमारियों से परेशान लोगों के लिए लेमनग्रास बहुत फायदेमंद है। लेमनग्रास के काढ़े से गरारा करने या उसकी पत्तियां चबाने से मुंह की बदबू दूर होती है। इसके तेल से मालिश करने पर गठिया, सूजन और दर्द में आराम मिलता है।

प्रेग्नेंसी के दौरान न करें लेमनग्रास का इस्तेमाल- सुबह खाली पेट 10 से 30 ग्राम तक लेमनग्रास का इस्तेमाल कर सकते हैं। इससे ज्यादा मात्रा से जी मिचलाने और उल्टी की समस्या हो सकती है। प्रेग्नेंट महिलाओं को इसका सेवन नहीं करना चाहिए। अगर एलर्जी है, तब भी लेमनग्रास न यूज करें। स्वास्थ्य से जुड़ी किसी भी तरह की समस्या का सामना कर रहे हैं, तो लेमनग्रास के इस्तेमाल से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें। कभी भी खुद से इलाज की कोशिश न करें।

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