Saturday, November 23, 2024

13 अगस्त को पृथ्वी पर आसमान से बरसेंगे उल्कापिंड,जाने क्यों घट रही हैं ये अद्भुत घटना

रोचक जानकारी- पृथ्वी पर आसमान से उल्कापिंड की बारिश कोई नई बात नहीं है. सदियों से ऐसा होता आया है. वैज्ञानिकों का तो यहां तक मानना है कि पृथ्वी से डायनासोर के खात्मे का कारण भी उल्कापिंड की बारिश ही थी. हालांकि, उस वक्त जिस तरह से उल्कापिंड की बारिश हुई थी, इस बार वैसी नहीं होने वाली है. हर साल पृथ्वी पर 17 से 24 अगस्त के बीच उल्कापिंडों की बारिश होती है. हालांकि इस बार ये तारीख बदल कर 13 अगस्त हो गई है.

कैसा होगा ये नजारा?

इस बार जिस तरह से उल्कापिंड की बारिश का नजारा होगा वैसा आज से पहले साल 1992 में हुआ था और आने वाले समय में साल 2126 में होगा. हालांकि, जितने उल्कापिंड आपको आसमान से जमीन की ओर आते दिखेंगे, उतने गिरेंगे नहीं. क्योंकि ज्यादातर उल्कापिंड पृथ्वी के वायुमंडल में प्रवेश करते ही जल के खत्म हो जाते हैं. कुछ ही ऐसे होते हैं जो पृथ्वी तक पहुंच पाते हैं.  इस 13 अगस्त को भी ऐसा ही होगा. आसमान में तो आपको ढेर सारे उल्कापिंड पृथ्वी की ओर गिरते दिखेंगे, हालांकि पृथ्वी तक पहुंचेंगे बेहद कम.

इसे देखने के लिए क्या करना होगा?

उल्कापिंड की इस बारिश को देखने के लिए आपको बहुत ज्यादा हाइटेक चीजों की जरूरत नहीं है और ना ही इसके लिए आपको किसी टेलीस्कोप की जरूरत पड़ेगी. आप इस उल्कापिंड की बारिश को अपनी आंखों से देख सकेंगे. हालांकि, इसे देखने के लिए आपको 13 अगस्त की रात को 8 बजे के आसपास अपने छत पर खड़े हो जाना है और आसमान की ओर टकटकी लगा लेना है.

कुछ देर बाद जब आपकी आंखें आसमान के अंधेरे में एडजस्ट हो जाएंगी तो आपको बड़ी आसानी से उल्कापिंड की बारिश दिख जाएगी. हालांकि, अगर आपके शहर में बहुत प्रदूषण है और आसमान धूल या फॉग से भरा है तो आप इस नजारे का लुत्फ नहीं उठा पाएंगे. पहाड़ों पर रहने वाले लोग इस नजारे का सबसे बेहतर तरीके से लुत्फ उठाएंगे.

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