ITR फाइल करते समय पुरानी और नई टैक्स व्यवस्था में से अपने लिए सही ऑप्शन चुनें
करदाताओं को इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करने के दो ऑप्शन मिलते हैं। 1 अप्रैल, 2023 से नए स्लैब का ऑप्शन दिया गया था। नए टैक्स स्लैब में 5 लाख रुपए से ज्यादा आय पर टैक्स की दरें तो कम रखी गईं, लेकिन डिडक्शन छीन लिए गए। वहीं अगर आप पुराना टैक्स स्लैब चुनते हैं तो आप कई तरह के टैक्स डिडक्शन का फायदा ले सकते हैं।
31 जुलाई के बाद 5,000 रुपए तक लेट फीस देनी होगी
31 जुलाई के बाद ITR फाइल करने वाले टैक्सपेयर्स को लेट फीस देनी होगी। अगर किसी इंडिविजुअल टैक्सपेयर की सालाना आय 5 लाख रुपए से ज्यादा है, तब उसे 5000 रुपए की लेट फीस देनी होगी। अगर टैक्सपेयर की एनुअल इनकम 5 लाख रुपए से कम है, तब उसे लेट फीस के रूप में 1,000 रुपए भरने होंगे।