निवेश की अवधि के हिसाब से टैक्स कैलकुलेशन, कैसा होता हैं ये गणित ? यहाँ जाने

नई दिल्लीवित्त वर्ष 2022-23 के लिए 31 जुलाई तक इनकम टैक्स रिटर्न (ITR) फाइल करना है। ITR फाइल करते समय सभी इनकम और केपिटल गेन्स की सही जानकारी देना जरूरी होता है। जब आप सोना बेचते हैं तो आपको इससे होने वाले कैपिटल गेन पर टैक्स देना होता है।

फिजिकल गोल्ड

फिजिकल गोल्ड में जूलरी और सिक्कों के साथ अन्य सोने की चीजें शामिल होती हैं। अगर आपने सोना 3 साल के अंदर बेचा है तो इसे शॉर्ट टर्म कैपिटल गेन माना जाता है। इस बिक्री से होने वाले फायदे पर आपके इनकम टैक्स स्लैब के हिसाब से टैक्स लगता है। वहीं अगर सोने को 3 साल के बाद बेचा है तो इसे लॉग टर्म कैपिटल गेन माना जाता है। इस पर 20.8% टैक्स देना होता है।

गोल्ड म्यूचुअल फंड या गोल्ड ETF

गोल्ड ETF और गोल्ड म्यूचुअल फंड्स से मिलने वाले लाभ पर (3 साल से कम होल्डिंग पर) आपको शॉर्ट टर्म गेन के हिसाब से पैसा देना होगा। यानी इससे होने वाले फायदे या कैपिटल गेन पर आपको आपने इनकम टैक्स स्लैब के हिसाब से टैक्स चुकाना होगा। गोल्ड म्यूचुअल फंड या गोल्ड ETF को 3 साल के बाद बेचने पर इस पर भी लॉन्ग टर्म टैक्स ही देना होगा।

सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड

बॉन्ड का मेच्योरिटी पीरियड 8 साल का है, लेकिन इससे पहले इससे बाहर निकलते हैं तो फिजिकल गोल्ड या गोल्ड म्यूचुअल फंड या गोल्ड ETF पर लगने वाले कैपिटल गेन टैक्स लगेंगे।इसके अलावा गोल्ड बॉन्ड 2.50% की दर से ब्याज का भुगतान करते हैं और यह ब्याज आपके टैक्स स्लैब के अनुसार पूरी तरह से टैक्सेबल है। वहीं 8 साल पूरे होने पर इससे होने वाला कैपिटल गेन पूरी तरह टैक्स फ्री रहता है।

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