नई दिल्ली- सऊदी अरब में दशकों से श्रमिक तो जाते रहे हैं, लेकिन अब वहां इलेक्ट्रीशियन, प्लंबर, इलेक्ट्रिकल आटोमोटिव, मैकेनिकल आटोमोटिव और हीटिंग, वेंटिलेशन एंड एयर कंडीशनिंग क्षेत्र में उपलब्ध विभिन्न रोजगारों के लिए भेजा जाएगा। दोनों देश एक-दूसरे के साथ मानव संसाधन की मांग-आपूर्ति का समन्वय बनाते हुए युवाओं को रोजगार देने चाहते हैं।
भारत और सऊदी अरब ने की टेस्टिंग प्रक्रिया खोलने की तैयारी
मालूम हो कि इसके लिए दोनों देशों के बीच समझौता पहले से चल रहा है, लेकिन अब भारत के नौ राज्यों में टेस्टिंग सेंटर खोलने की तैयारी राष्ट्रीय कौशल विकास निगम (एनएसडीसी) और सऊदी के ताकामोल होल्डिंग्स ने की है। कौशल विकास एवं उद्यमशीलता मंत्रालय के अधीन एनएसडीसी कार्यरत है, जबकि सऊदी अरब के मानव संसाधन एवं सामाजिक विकास मंत्रालय के अधीन ताकामोल होग्सिं काम करता है।
कई देशों के साथ है एनएसडीसी का करार
भारतीय युवाओं को रोजगार की मांग के अनुसार, कौशल प्रशिक्षण देकर भेजने के लिए एनएसडीसी का कई देशों के साथ करार है। सऊदी अरब भी उन्हीं में से एक है। सूत्रों ने बताया कि हाल ही में जी-20 सम्मेलन में यह बात और आगे बढ़ी और सऊदी के प्रतिनिधियों ने अपने देश में विभिन्न क्षेत्रों में बढ़ रही मानव संसाधन की मांग पर चर्चा की। साथ ही यह जरूरत भी बताई कि नए क्षेत्रों में काम करने के लिए कुशल कामगारों की आवश्यकता है।
भारत के युवाओं को मिलेगा इसका लाभ
भारत भी रोजगार के इस अवसर का लाभ अपने युवाओं को दिलाना चाहता है। इसी के तहत कौशल सत्यापन कार्यक्रम (स्किल वैरिफिकेशन प्रोग्राम) तैयार किया गया है। एनएसडीसी और ताकामोल होल्डिंग्स मिलकर भारत में टेस्टिंग सेंटर चलाएंगे। इन सेंटरों पर ही सऊदी अरब जाने के इच्छुक युवाओं का कौशल विकास करने के साथ ही उनकी लिखित और प्रायोगिक परीक्षा होगी।
इन राज्यों में टेस्टिंग सेंटर खोलने की प्रक्रिया शुरू
नौ राज्यों उत्तर प्रदेश, बिहार, राजस्थान, गुजरात, केरल, तमिलनाडु, कर्नाटक, तेलंगाना और असम में टेस्टिंग सेंटर खोलने के लिए प्रक्रिया भी शुरू कर दी गई है।