नई दिल्ली– केंद्र सरकार ने गुड्स एंड सर्विस टैक्स नेटवर्क (GSTN) को प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट (PMLA) के दायरे में शामिल कर लिया है। इससे टैक्स चोरी और बिल में हेराफेरी करने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जा सकेगी।वित्त मंत्रालय ने शनिवार देर रात एक नोटिफिकेशन जारी किया। इसमें बताया कि GST के तहत होने वाले अपराध जैसे फर्जी इनपुट टैक्स क्रेडिट, फर्जी चालान आदि को PMLA एक्ट में शामिल किया जाएगा। सरकार के इस फैसले से PMLA एक्ट के तहत GSTN से जानकारी मांगी जा सकेगी।
GSTN उन संस्थाओं में से एक बन गया है, जिन्हें PMLA एक्ट के तहत प्रवर्तन निदेशालय ED और फाइनेंशियल इंटेलिजेंस यूनिट (FIU) के साथ जानकारी शेयर करना अनिवार्य है। जानकारों का मानना है कि फर्जी बिलिंग के माध्यम से कर चोरी रोकने के लिए सरकार ने यह फैसला किया है। इससे मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में ED को और अधिक अधिकार मिलेंगे।
छोटे व्यापारियों को सॉफ्टवेयर भी मिलेगा
GSTN की जानकारियां अब PMLA की धारा 66 (1) (iii) के तहत शेयर की जाएंगी। इसके अलावा GSTN छोटे व्यापारियों को अपने अकाउंट रखने के लिए मानक सॉफ्टवेयर भी अवेलेबल कराएगा, ताकि इसे सीधे GSTN वेबसाइट पर उनके मंथली रिटर्न को अपलोड किया जा सके।
गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स नेटवर्क क्या है?
GSTN नॉन प्रोफिटेबल IT नेटवर्क यूनिट है, जिसे सरकार ने GST की जरूरतों को पूरा करने के लिए स्टेब्लिश किया है। GST के एग्जीक्यूशन के लिए GSTN केंद्र और राज्य सरकारों, टैक्सपेयर्स और अन्य स्टेकहोल्डर्स को एक साझा IT इंफ्रास्ट्रक्चर और सर्विस प्रोवाइड करता है।
क्या है PMLA कानून?
प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट यानी PMLA को आम भाषा में समझें तो इसका मतलब है- दो नंबर के पैसे को हेरफेर कर ठिकाने लगाने वालों के खिलाफ कानून। ये एक्ट मनी-लॉन्ड्रिंग को रोकने, मनी-लॉन्ड्रिंग से प्राप्त या उसमें शामिल संपत्ति को जब्त करने और उससे जुड़े या उसके प्रासंगिक मामलों के लिए प्रावधान करने के लिए है।
PMLA, 2002 में NDA के शासनकाल में बना था। ये कानून लागू हुआ 2005 में कांग्रेस के शासनकाल में, जब पी. चिदंबरम देश के वित्त मंत्री थे। PMLA कानून में पहली बार बदलाव भी 2005 में चिदंबरम ने ही किया था।PMLA के तहत ED को आरोपी को अरेस्ट करने, उसकी संपत्तियों को जब्त करने, उसके द्वारा गिरफ्तारी के बाद जमानत मिलने की सख्त शर्तें और जांच अधिकारी के सामने रिकॉर्ड बयान को कोर्ट में सबूत के रूप में मान्य होने जैसे नियम उसे ताकतवर बनाते हैं।
जून में हुआ था 1.61 लाख करोड़ का GST कलेक्शन
सरकार ने जून 2023 में गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स (GST) से 1.61 लाख करोड़ रुपए जुटाए हैं। सालाना आधार पर इसमें लगभग 12% बढ़ोतरी हुई है। पिछले साल जून 2022 में 1.44 लाख करोड़ रुपए का GST कलेक्शन हुआ था। वहीं, एक महीने पहले मई 2023 में ये 1.57 लाख करोड़ रुपए रहा था।
वित्त मत्रांलय के अनुसार, इस GST कलेक्शन में CGST के रूप में 31,013 करोड़ रुपए, SGST से 38,292 करोड़ रुपए और IGST के रूप में 80,292 करोड़ रुपए का कलेक्शन हुआ है। IGST की राशि में 39,035 करोड़ रुपए वस्तुओं के आयात पर लगने वाले टैक्स के रूप में वसूला गया है।
6 साल पहले लागू हुआ था GST
GST एक इनडायरेक्ट टैक्स है। इसे वैराइटी ऑफ प्रीवियस इनडायरेक्ट टैक्स (वैट), सर्विस टैक्स, परचेज टैक्स, एक्साइज ड्यूटी और कई इनडायरेक्ट टैक्स को रिप्लेस करने के लिए 6 साल पहले 1 जुलाई 2017 को लागू किया गया था। GST में 5, 12, 18 और 28% के चार स्लैब हैं। हालांकि, गोल्ड और गोल्ड ज्वेलरी पर 3% टैक्स लगता है।