अटकता दिख रहा अकोला के हवाई अड्डे के विस्तारीकरण का कार्य

अकोला– अकोला के शिवनी हवाई अड्डे पर हवाई जहाजों का आवागमन फिलहाल सिर्फ एक ख्वाब है. इस ख्वाब के हकीकत के रनवे पर उतरने के आसार फिलहाल कम ही नजर आ रहे हैं. इस रनवे को ढाई हजार मीटर का करने के लिए संशोधित प्रस्ताव महाराष्ट्र एयरपोर्ट डेवलपमेंट कंपनी (एम.ए.डी.सी.) को भेजा जाना है. इस प्रस्ताव के लिए डॉ. पंजाबराव देशमुख कृषि विद्यापीठ (पीडीकेवी) से अतिरिक्त करीब 50 हेक्टेयर जमीन की उपलब्धता का प्रस्ताव जिला प्रशासन के पास है लेकिन पूर्व में ली गई 60 हेक्टेयर जमीन के बदले अब तक पीडीकेवी को जमीन नहीं दी गई है, इसलिए अतिरिक्त जमीन उपलब्ध कराने को लेकर पीडीकेवी असमंजस में नजर आ रहा है.

पीडीकेवी की कार्यकारी परिषद की बैठक को लेकर भी तारीख तय नहीं है. दूसरी ओर जमीन को लेकर पुराने अनुभव के कारण पीडीकेवी द्वारा क्या रुख अपनाया जाएगा ? यह भी तय नहीं. इसलिए हवाई अड्डे के रनवे का मामला पीडीकेवी के फैसले पर टिका है. हवाई अड्डे के रनवे को ढाई हजार मीटर का करने के लिए जरूरी संशोधित प्रस्ताव मई माह के दूसरे सप्ताह ही भेजा जाना था, लेकिन अब तक जमीन उपलब्धता के संदर्भ में जिलाधिकारी कार्यालय को कृषि विद्यापीठ का प्रस्ताव प्राप्त न होने से हवाई अड्डे के सवे का संशोधित प्रस्ताव एम.ए.डी.सी. को नहीं भेजा जा सका है.

1800 मीटर से 2500 मीटर करने के लिए प्रशासन के स्तर पर प्रयास जारी

ऐसे में प्रशासनिक एवं राजनीतिक कोशिशों के बावजूद शिवनी हवाई अड्डे के विस्तार का मामला रनवे के विस्तार के लिए किसी न किसी कारण से अटकता ही जा रहा है. जमीन और धनराशि के अभाव में चार वर्ष बीत जाने पर भी रनवे का विस्तार नहीं हो पाया है. यदि आसपास की निजी भूमि बाजार मूल्य के अनुरूप खरीदनी पड़ेगी तो उसके लिए 166 करोड़ रुपए की जरूरत पड़ेगी. सरकार से निधि मिलने का आश्वासन तो मिला है लेकिन बजटीय प्रावधान नहीं हुआ है. हालांकि सवे को 1800 मीटर से 2500 मीटर करने के लिए प्रशासन के स्तर पर प्रयास जारी हैं. उसी की बदौलत महाराष्ट्र एयरपोर्ट डेवलपमेंट कंपनी को नया प्रस्ताव भेजने का निर्णय लिया गया है.

पीडीकेवी से 50 हेक्टेयर जमीन

पीडीकेवी को जिला प्रशासन ने रनवे के लिए जरुरी अतिरिक्त जमीन उपलब्ध कराने का प्रस्ताव कार्यकारी परिषद में मंजूर कर भेजने के सिलसिले में पत्र भेजा था. कार्यकारी परिषद में अब तक यह विषय नहीं आया है. पता चला है कि रनवे के विस्तार के लिए पीडीकेवी से 50 हेक्टेयर जमीन उपलब्ध हो सकती है लेकिन पीडीकेवी इस बात से चिंतित है कि पांच साल पहले जो 60 हेक्टेयर जमीन दी गई थी, उसके बदले में अब तक सरकार ने जमीन ही उपलब्ध नहीं कराई है. ऐसे में नए सिरे से अतिरिक्त 50 हेक्टेयर जमीन उपलब्ध कराना पीडीकेवी के लिए असमंजस भरा नजर आ रहा है. अगले महीने के अंत में कार्यकारी परिषद की बैठक में जमीन के मुद्दे पर चर्चा हो सकती है.

रनवे का विस्तार होगा या नहीं?

यह अब पीडीकेवी की कार्यकारी परिषद के फैसले पर ही निर्भर करेगा. कार्यकारी परिषद में फैसला होने पर यह प्रस्ताव राज्य सरकार की मंजूरी के लिए भेजा जाएगा, वहां से मंजूरी मिलने पर रनवे का विस्तार हो पाएगा. अब तक पीडीकेवी का रुख साफ नहीं है. कार्यकारी परिषद की बैठक आनेवाले दिनों में होगी. उस बैठक में होने वाला फैसला हवाई अड्डे का भविष्य तय करेगा.

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