21 जून को होगा साल का सबसे बड़ा दिन और रात होगी छोटी,जाने क्या इसके पीछे का विज्ञान?

अकोला– प्रतिवर्ष 21 जून यह अंतरराष्ट्रीय योग दिन के रूप में मनाया जाता है. लेकिन इस दिन का और एक विशेष महत्व है. 21 जून साल का सबसे बड़ा दिन होता है. मंगलवार, 21 जन को दिन करीब सवा तेरह घंटे का होगा वहीं रात केवल पौने ग्यारह घंटे की होगी. इस दिन से सूर्य का दक्षिणायन आरंभ होगा. खगोल अध्ययनकर्ता प्रभाकर दौड के अनुसार पृथ्वी सूर्य के चक्कर लगाती है.

पृथ्वी सूर्य के चक्कर लगाते समय 23.5 अंश झुकी हुई है. इसी कारण प्रतिदिन पूर्व की ओर सूर्य दक्षिण की ओर जा रहा है, ऐसा अनुभव पृथ्वी को लोगों को आता है. इस कोन की वजह से सूर्य कर्कवृत्त से मकरवृत्त तक घूमती है, ऐसा आभास होता है. इसे ही सूर्य का उत्तरायण तथा दक्षिणायण कहा जाता है. 21 जून को सूर्य और भी उत्तर की ओर दिखाई देता है तथा उसी दिन से वह दक्षिण की ओर जाना आरंभ करता है. यानी उत्तरायण खत्म होकर दक्षिणायन आरंभ होता है. इस दिन उत्तर की ओर सबसे बड़ा दिन तथा सबसे छोटी रात होती है.

21 जून से दक्षिण की ओर सरकते हुए सूर्य 22 सितंबर को विषवृत्त पर आता है तथा उसके बाद 22 दिसंबर को मकरवृत्त पर आता है. इसलिए 22 दिसंबर यह सबसे छोटा दिन कहलाता है और रात सबसे बड़ी होती है. उत्तरायण में सूर्य उत्तर की ओर से तथा दक्षिणायन में सूर्य दक्षिण की ओर झुका दिखाई देता है.

सूर्य उत्तर की ओर झुका हुआ

21 जून को सूर्य उत्तर की ओर तथा 22 दिसंबर को सूर्य दक्षिण की ओर झुका दिखाई देता है. यह स्थिति पृथ्वी अपनी भ्रमण कक्षा से थोड़ी झुकी हुई होती है, इस कारण ऐसा होता है. 21 जून को सूर्य उत्तर की ओर यानी पृथ्वी कर्कवृत्त पर तथा उत्तर की ओर होने से यह सबसे बड़ा दिन होता है उस दिन उत्तरायण खत्म होकर सूर्य का दक्षिणायन आरंभ होता है.

21 जून का महत्व

21 जून यक अनेक देशों में मौसम बदलाव के रूप में माना जाता है. मराठी पंचांग में 21 जून से वर्षा आगमन होती है, ऐसा कहा गया है. पश्चिमी देशों में 21 जून को वसंत खत्म होकर ग्रीष्मकाल शुरू होता है. 21 जून अंतरराष्ट्रीय योग दिन के रूप में भी मनाया जाता है.

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