खाद्य तेलों के खुदरा मूल्य 8-12 रुपये प्रति लीटर होंगे कम,केंद्र सरकार ने खाद्य तेल संगठनों को दिया निर्देश

नई दिल्ली- केंद्र सरकार ने खाद्य तेल संगठनों को निर्देश दिया कि वे ग्लोबल बाजारों में खाद्यतेल कीमतों में आई गिरावट के अनुरूप यहां प्रमुख खाद्य तेलों के अधिकतम खुदरा मूल्य में तत्काल प्रभाव से 8-12 रुपये प्रति लीटर की कटौती करें. उद्योग प्रतिनिधियों के साथ खाद्य सचिव संजीव चोपड़ा की अध्यक्षता में हुई बैठक के बाद खाद्य मंत्रालय ने कहा है कि जिन कंपनियां ने अपनी कीमतें कम नहीं की हैं और उनकी एमआरपी अन्य ब्रांडों की तुलना में अधिक है, उन्हें भी अपनी कीमतें कम करने की सलाह दी गई है.

उपभोक्ताओं को मिलना चाहिए फायदा

विनिर्माताओं और रिफाइनरों द्वारा वितरकों को दी जाने वाली कीमत को भी तत्काल प्रभाव से कम करने की जरूरत है ताकि कटौती का असर साफ तौर पर दिखे. इसमें यह भी कहा गया कि जब भी निर्माताओं/रिफाइनरों द्वारा वितरकों को कीमत में कमी की जाती है, उपभोक्ताओं को वह लाभ दिया जाना चाहिए और मंत्रालय को भी नियमित आधार पर सूचित किया जाना चाहिए.

मंत्रालय कर रहा कीमतों में कटौती की तैयारी

मंत्रालय ने कहा कि खाद्य तेल कीमतों में गिरावट का रुख जारी है और खाद्य तेल उद्योग और कटौती की तैयारी कर रहा है. मंत्रालय ने कहा, ‘‘घरेलू उपभोक्ता अपने खरीदे जाने वाले खाद्य तेल के लिए कम कीमत अदा करने की उम्मीद कर सकते हैं. खाद्य तेलों की घटती कीमतें महंगाई को भी कम करने में मदद करेंगी.’’

8-12 रुपये प्रति लीटर हों कम

उद्योग को यह सुनिश्चित करने के लिए कहा गया था कि वैश्विक बाजार में कीमतों में गिरावट को अंतिम उपभोक्ताओं तक तेजी से पहुंचाया जाए. मंत्रालय ने बयान में कहा, ‘‘प्रमुख खाद्य तेल संगठनों को सलाह दी गई है कि वे इस मुद्दे को तुरंत अपने सदस्यों के सामने उठाएं और यह सुनिश्चित करें कि प्रमुख खाद्य तेलों के अधिकतम खुदरा मूल्य (एमआरपी) को तत्काल प्रभाव से 8-12 रुपये प्रति लीटर कम किया जाए.’’

जून 2022 के बाद से आ रही गिरावट

उच्च लागत सहित भू-राजनीतिक कारणों से वर्ष 2021-22 के दौरान खाद्य तेल की अंतरराष्ट्रीय और घरेलू कीमतें तेज थीं. हालांकि, अंतरराष्ट्रीय बाजार में खाद्य तेल की कीमतों में जून 2022 के मध्य के बाद से गिरावट देखी जा रही है. तेल उद्योग ने सूचित किया है कि पिछले दो महीनों में विभिन्न खाद्य तेलों की वैश्विक कीमतों में 150-200 अमरीकी डॉलर प्रति टन की गिरावट आई है और उन्होंने एमआरपी घटा दी है तथा जल्द ही और कटौती की जाएगी.

तेल की पैकेजिंग समेत कई मुद्दों पर की गई चर्चा

तेल कीमतों में जो कमी आई है वह अंतरराष्ट्रीय कीमतों में आई गिरावट और खाद्य तेलों पर लगने वाले आयात शुल्क कम किये जाने की वजह से है. मंत्रालय ने कहा कि तब उद्योग को यह सुनिश्चित करने की सलाह दी गई थी कि अंतरराष्ट्रीय कीमतों में आई गिरावट का पूरा लाभ उपभोक्ताओं को दिया जाए. बैठक में मूल्य आंकड़ा संग्रह और खाद्य तेलों की पैकेजिंग जैसे अन्य मुद्दों पर भी चर्चा की गई.

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