महाराष्ट्र के किसानों के लिए अच्छी खबर, इस तारीख से महाराष्ट्र में प्रवेश करेगा मानसून

मुंबई- महाराष्ट्र समेत देशभर के किसानों के लिए अच्छी खबर है. दक्षिण पश्चिम मानसून का आगमन बंगाल की खाड़ी के दक्षिण पूर्व हिस्से, निकोबार द्वीप समूह और दक्षिण अंडमान सागर में हो चुका है। भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) के अनुसार, यहां मानसून अपने निर्धारित समय 22 मई से तीन दिन पहले शुक्रवार को पहुंच गया है।

अंडमान में मानसूनी हवाओं के साथ बारिश शुरू हो गई है। आमतौर पर मानसून 22 मई को अंडमान में प्रवेश करता है। लेकिन इस साल मानसून तीन दिन पहले अंडमान के कुछ हिस्सों में प्रवेश कर गया है। हालांकि मानसून के 4 जून को केरल में प्रवेश करने की संभावना है। केरल में हर साल 1 जून को मानसूनी बारिश का आगाज होता है। हालांकि, इस साल मौसम विभाग ने अनुमान लगाया गया है कि मानसून तीन दिन की देरी से केरल में आएगा।

 इस दिन से गर्मी से मिलेगी राहत

आईएमडी के अनुसार, अगले 3 से 4 दिनों में बंगाल की दक्षिण खाड़ी, अंडमान सागर और अंडमान तथा निकोबार द्वीप समूह के कुछ और हिस्सों में मानसून के आगे बढ़ने के लिए परिस्थितियां अनुकूल हैं।

महाराष्ट्र में मानसून कब आएगा? 

भारत की पहली प्राइवेट वेदर कंपनी स्काईमेट (Skymet) के पूर्वानुमान के अनुसार महाराष्ट्र में 9 से 15 जून के बीच मानसून आने की संभावना है। जबकि मौसम विभाग के अनुसार, 11 जून (Mumbai Monsoon Rains) तक मानसून मुंबई में दस्तक दे सकता है।

केरल में मानसून की शुरुआत में देरी होने का मतलब यह नहीं है कि मुंबई में भी मानसून प्रभावित होगा। उन्होंने कहा कि मानसून का आगमन कई कारकों पर निर्भर करता है। मानसून ने पिछले साल भी 11 जून को मुंबई में प्रवेश किया था। हालांकि केरल में मानसून के आने के बाद इसकी रफ्तार व दिशा को लेकर सटीक अंदाजा लगाया जा सकता है। आईएमडी ने अपने पूर्वानुमान में कहा है कि इस साल भारत में औसतन 96 फीसदी बारिश होने की उम्मीद है।

कैसे पता चलता है आ गया मानसून?

मौसम विभाग ने अनुमान जताया है कि केरल में मानसून की शुरुआत चार दिनों की देरी से 4 जून को होने की संभावना है। केरल में दक्षिण-पश्चिम मानसून की शुरुआत की सामान्य तारीख 1 जून है। हालांकि केरल में मानसून के आगमन की तारीख में अभी भी बदलाव की गुंजाइश है। दरअसल आईएमडी 10 मई से शुरू होने वाली बारिश की निगरानी करती हैं और अगर लक्षद्वीप, केरल और कर्नाटक के मंगलुरु में स्थित 14 मौसम स्टेशनों में से 60 प्रतिशत स्टेशनों या उससे अधिक में लगातार दो दिनों तक 2.5 मिमी बारिश दर्ज की जाती है, तो मानसून के आगमन की घोषणा की जाती है। इस दौरान बादल की चाल पर भी नजर रखी जाती है।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here