सिकंदराबाद- रक्सोल विशेष रेल गाड़ी में बदलाव अब गोंदिया से चलेगी …

अकोला– विदर्भ, मराठवाडा, तेलगांना के लाखों रेल यात्रियों को उत्तर भारत जाने के लिए दक्षिण-मध्य रेल्वे ने गत 23 अप्रैल से 10 मई तक निजामाबाद- पूर्णा-अकोला रेल मार्ग पर सिकंदराबाद- रक्सोल विशेष रेलगाडी क्रमांक 07051 / 07052 शुरु की थी और इस रेल गाड़ी को अपार समर्थन भी मिला। इस कारण रेल संगठनों की ओरसे इस रेलगाड़ी को एक्सटेंशन दिए जाने की की जाने लगी ।

दक्षिण-मध्य रेल्वे ने एक्सटेंशन तो नही दिया उल्टे इस रेलगाडी के मार्ग में बदलाव कर इसे गोंदिया से कर दिया। हैदराबाद-रक्सोल विशेष रेलगाड़ी क्रमांक 07051/07052 अब 13 मई से 30 मई के बीच हैदराबाद- काजीपेठ-गोंदिया से होते हुए जा रही है। इस कारण फिर एक बार निजमाबाद, बासर, हिंगोली, वाशिम, अकोला, अमरावती, मलकापुर, शेगांव के लाखों उत्तर भारतियों, बौध्द धर्मावलंबियों, जैन, सीख, मुस्लिम समाजजनों को उत्तर भारत की रेलगाड़ी से वंचित होना पड़ा है ।

उत्तर भारत के लिए पूर्णा- अकोला रेल मार्ग से एक भी रेलगाड़ी ना होने के कारण निजामाबाद-हिंगोली- अकोला के निवासियों को उत्तर भारत के वाराणसी, प्रयागराज, जबलपुर के मययर, बुध्द गया, चित्रकुट, अयोध्या, खजुराहो, नेपाल के पशुपतिनाथ, पटना दमदमा साहिब गुरुद्वारा जैसे धार्मिक स्थलों की ओर जाने के लिए रेल गाडियां नही है। पिछले 14 से अधिक वर्षों से वाराणसी, बुध्द गया, प्रयागराज जैसे धार्मिक स्थलों के लिए रेल गाड़ी की मांग करते हुऐ हिंगोली रेल्वे स्टेशन परअनेक मर्तबा आंदोलन किए जा रहे है। अकोला, वाशिम, बसमत से भी उत्तर भारत के प्रयागराज और काशी के लिऐ रेल गाडी की मांग उठ रही है।

मार्ग बदलकर विदर्भ- मराठवाड़ा के साथ घोर अन्याय

किसी तरह से दक्षिण-मध्य रेल्वे ने सिकंदराबाद-रक्सोल रेल गाडी आरंभ तो कि लेकिन केवल एक ही पखवाडे में इस रेल गाडी का मार्ग बदलकर इसे काजीपेठ-गोंदिया से कर दियागया। हालांकी सिकंदराबाद- रक्सोल होते हुए निजामाबाद- अकोला रेल गाड़ी को बेहद शानदार समर्थन मिल रहा था। हालत तो यह थे की आरक्षित डिब्बे में भी पैर रखने तक की जगह नही मिल पा रही थी, इस कारण यात्री नीचे बैठकर तक सफर कर रहे थे ।

इतने शानदार समर्थन के बावजूद दक्षिण-मध्य रेल गाड़ी का मार्ग बदलकर विदर्भ- मराठवाड़ा के साथ घोर अन्याय किया गया। सिकंदराबाद-रक्सोल होते हुए निजामाबाद-अकोला रेल गाड़ी को दोबारा आरंभ किए जाने की मांग करते हुए अकोला, वाशिम, हिंगोली, मलकापुर, अमरावती आदि जिलों के उत्तर भारतीय महासंघों, रेल संगठनों समेत झेडआरसीसी सदस्य महेंद्रसिंह गुलाटी वाशिम के साथही राकेश भट्ट हिंगोली, मनोज सोनी. डिआरसीसी सदस्य एड. ठाकूर, दिपक कुल्थे, नवीन चौकडा. अतुल जैस्वाल, शोएब वासेसा. रियाज अली, शेखर नागपाल, एड. पी.आर डागरा, रवि कलवार आदि ने की है।

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