नई दिल्ली- देश में किसानों द्वारा पीठ पर लादे पंप से खेतों में रसायन स्प्रे करना या हाथ से खाद का छिड़काव करना जल्द ही अतीत की बात हो जाएगी। भारतीय किसान उर्वरक सहकारी (इफको) की कोशिश है कि इन कामों को ड्रोन और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस से किया जाएगा। इसके लिए इफको नेनो यूरिया और नेनो डीएपी जैसे नेनो उर्वरकों के उपयोग को बढ़ावा देने की योजना बना रहा है। बता दें कि इन नेनो उर्वरकों को ड्रोन और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के माध्यम से खेतों में छिड़काया जाएगा। इस पहल के लिए कृषि विश्वविद्यालयों और तकनीकी संस्थानों के साथ तकनीकी सहयोग किया जाएगा।
आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और सॉफ्टवेयर परखेगा फसलों की सेहत
इफको ने इस कार्यक्रम को आगे बढ़ाने के लिए DRONAI नाम से एकीकृत कार्यक्रम तैयार किया है। DRONAI के तहत किसानों के लिए आसानी से सुलभ ड्रोन सिस्टम तैयार किया जाएगा। किसान मोबाइल ऐप से ड्रोन की बुकिंग कर सकेंगे और यह ड्रोन खास तौर पर डिजाइन इलेक्ट्रिक वाहन से किसानों तक पहुंचेगा और वे किसी तकनीक में निपुण स्थानीय युवा या किसान की मदद से इसका उपयोग कर पाएंगे। इतना ही नहीं छिड़काव करते समय, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) आधारित सॉफ्टवेयर फसल की वृद्धि और सेहत का पता लगाएंगे और किसान को स्मार्ट खेती की तरफ अग्रसर करेंगे।
तमिलनाडु से हुई परीक्षण मॉड्यूल की शुरुआत
इस कार्यक्रम से किसानों के लिए कम लागत में बड़े इलाके में छिड़काव या स्प्रे करना संभव हो पाएगा। इस पूरी कवायद से एक तरफ किसानों का समय और पैसा बचेगा, वहीं दूसरी तरफ वह स्वास्थ्य संबंधी दिक्कतों से भी बच सकेंगे। इफको द्वारा इस बारे में टीएनएयू के तकनीकी सहयोग से 2 मई को कोयम्बटूर में DRONAI का परीक्षण मॉड्यूल शुरू किया गया है। इफको के प्रबंध निदेशक डॉ. यू.एस. अवस्थी ने तमिलनाडु कृषि विश्वविद्यालय की कुलपति डॉ. वी. गीतालक्ष्मी की उपस्थिति में इस कार्यक्रम का उद्घाटन किया।