RBI ने ऑनलाइन पैसे ट्रांसफर के लिए KYC संबंधी नए निर्देश किए जारी

भारतीय रिजर्व बैंक– बृहस्पतिवार को बैंकों और अन्य वित्तीय संस्थानों को यह सुनिश्चित करने को कहा कि विदेश के अलावा घरेलू स्तर पर होने वाले इलेक्ट्रॉनिक रूप से पैसे भेजने में भेजने वाले और पाने वाले दोनों के बारे में पूरी जानकारी होनी चाहिए.

आरबीआई ने ‘अपने ग्राहक को जानो’ (KYC) से संबंधित व्यापक निर्देश में ऑनलाइन लेनदेन से संबंधित कुछ नए बिंदुओं को शामिल किया है. ये निर्देश वित्तीय कार्यबल एफएटीएफ के सुझावों के मुताबिक हैं.रिजर्व बैंक के नए निर्देश के मुताबिक, सभी विदेशी ऑनलाइन पैसे भेजने में भेजने वाले और पाने वाले दोनों के बारे में सटीक, पूरी और सार्थक जानकारी देनी होगी. इसके अलावा घरेलू ऑनलाइन पैसे भेजने के मामले में भेजने वाले के विनियमित इकाई का खाताधारक होने की स्थिति में भी यही व्यवस्था लागू होगी.

ये निर्देश क्रेडिट कार्ड, डेबिट कार्ड या प्री-पेड भुगतान समाधान (PPI) के जरिये खरीदारी के लिए किए जाने वाले ऑनलाइन लेनदेन पर लागू नहीं होते हैं.इससे पहले दिसंबर 2022 में आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा था कि ग्राहकों को अपनी डिटेल अपडेट करने के लिए बैंक जाने की जरूरत नहीं है.

बैंकों को समय-समय पहचान दस्तावेजों को अपडेट करे

गवर्नर ने एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि पते में बदलाव के अलावा ग्राहक ऑनलाइन केवाईसी कर सकते हैं.आरबीआई के केवाईसी दिशानिर्देशों के अनुसार, बैंकों को समय-समय पर अपने खाताधारकों के ग्राहक पहचान दस्तावेजों को अपडेट करने की आवश्यकता होती है.

आरबीआई ने एक आधिकारिक विज्ञप्ति में कहा, “चूंकि बैंकों को अपने रिकॉर्ड को अपडेट और प्रासंगिक रखने के लिए समय-समय पर समीक्षा और अद्यतन करना अनिवार्य है, इसलिए कुछ मामलों में एक नई केवाईसी प्रक्रिया/दस्तावेज़ीकरण करना पड़ सकता है, जिसमें बैंक रिकॉर्ड में उपलब्ध केवाईसी दस्तावेज़ अनुरूप नहीं हैं. आधिकारिक रूप से वैध दस्तावेजों की सूची प्रस्तुत करने के लिए (पासपोर्ट, ड्राइविंग लाइसेंस, आधार संख्या होने का प्रमाण, मतदाता पहचान पत्र, नरेगा द्वारा जारी जॉब कार्ड और राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर द्वारा जारी पत्र) या जहां केवाईसी की वैधता पहले सबमिट किया गया दस्तावेज़ समाप्त हो सकता है. ऐसे मामलों में, बैंकों को केवाईसी दस्तावेजों/ग्राहक द्वारा प्रस्तुत स्व-घोषणा की प्राप्ति की पावती प्रदान करने की आवश्यकता होती है.”

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