इंदौर-बस-ट्रक या अन्य वाहन चलाते समय थकान या सुस्ती के कारण कई बार ड्राइवर को नींद आ जाती है, जिसकी वजह से बड़ी दुर्घटनाएं होती हैं. इंदौर के एक कॉलेज के इंजीनियरिंग छात्रों ने इस समस्या का शानदार निदान ढूंढ निकाला है. प्राइवेट कॉलेज के छात्रों ने ऐसी डिवाइस बनाई है, जो न सिर्फ ड्राइवर को नींद से बचाएगी, बल्कि दुर्घटनाओं को रोकने में भी असरदार साबित होगी. छात्रों ने एक ऐसा एंटी-स्लीप ग्लास बनाया है, जो ड्राइव करते समय नींद आते ही अलार्म बजा देगा. यदि अलार्म के बाद भी ड्राइवर की नींद नहीं खुलती है, तो इस डिवाइस की मदद से गाड़ी का पहिया अपने आप रुक जाएगा.
इंदौर के श्रीगोविंदराम सेकसरिया इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी एंड साइंस कॉलेज के छात्रों ने चालक के नींद में होने के कारण होने वाली सड़क दुर्घटनाओं से बचने के लिए एंटी स्लीप अलार्म बनाया है. इस डिवाइस के बारे में बताते हुए छात्र ने कहा कि एंटी स्लीप अलार्म में एंटी स्लीप ग्लासेस लगाया है, जिससे अगर चालक को गाड़ी चलाते समय नींद आ जाती है तो इसका बजर बज उठेगा. अगर चालक की आंख नहीं खुलती है तो गाड़ी का पहिया रुक जाएगा.
ऐसे बनाया यह डिवाइस
छात्र ने बताया कि इस एंटी स्लीप अलार्म के एंटी स्लीप ग्लासेस को बनाने में उन्होंने बेसिक कॉम्पोनेंट्स का इस्तेमाल किया है. आईआर सेंसर जिसे इंफ्रारेड भी कहते है, उसमें एक ट्रांसमीटर और रिसीवर का इस्तेमाल करते हुए बनाया गया है. डिवाइस की किरणें आंखों के स्कलेरा से ट्रांसमिट होकर इंसेक्ट करती है, तो खुली आंखों से रिफ्लेक्शन कम इंटेंसिटी का होने की वजह से डिवाइस ऑन नहीं हो पाती है, लेकिन आंख बंद होने की स्थिति में रिफ्लेक्शन ज्यादा इंटेंसिटी का होने की वजह से काम करता है. इस पूरी प्रकिया में 5 सेकंड का समय लगता है.
बनाने में लगा 3 सप्ताह का समय
श्री गोविंदराम सेकसरिया इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी एंड साइंस के छात्र अभिषेक पाटीदार ने बताया कि इस पूरी डिवाइस को बनाने में 3 सप्ताह का समय लगा और हम चारों लोगों ने इसे बनाया है. अभी तक ये प्रोटोटाइप है, लेकिन इसके बाद हम मैन्युफैक्चरर से बात करेंगे. जिसके बाद हम इसे मार्केट में उतारने की कोशिश करेंगे.