नई दिल्ली- घर खरीदारों और होम-ऑटो लोन लेने वालों के लिए राहत भरी खबर है. रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के गवर्नर शक्तिकांत दास की अगुवाई में मौद्रिक नीति समिति ने एक साल में पहली बार रेपो रेट नहीं बढ़ाने का फैसला किया है. बैठक के बाद गवर्नर दास ने बताया कि रेपो रेट को 6.50 फीसदी पर स्थिर बनाए रखा जाएगा. मई, 2022 से अब तक रेपो रेट में 6 बार बढ़ोतरी की जा चुकी है. इस दौरान कुल 2.50 फीसदी रेपो रेट बढ़ाया गया है.
रेपो रेट वह दर होती है, जिस पर कॉमर्शियल बैंक आरबीआई से पैसे उधार लेते हैं. होम-ऑटो सहित ज्यादातर खुदरा कर्ज इसी रेपो रेट पर आधारित होते हैं. इस बार रेपो रेट में बढ़ोतरी नहीं होने से बैंक भी खुदरा लोन की ब्याज दरें नहीं बढ़ाएंगे, जिसका घर खरीदारों को सीधा लाभ मिलेगा. गवर्नर दास ने कहा है कि महंगाई के कंफर्ट जोन में होने की वजह से इस बार रेपो रेट नहीं बढ़ाया गया. हालांकि, अमेरिकी फेडरल बैंक और ब्रिटेन के केंद्रीय बैंक ने अप्रैल में भी अपनी ब्याज दरों में बढ़ोतरी की थी, जिससे कयास लगाए जा रहे थे कि रिजर्व बैंक भी रेपो रेट बढ़ाएगा.
बैंकों ने जताई थी चिंता
दुनियाभर में बढ़ती महंगाई और महंगे होते कर्ज को लेकर भारतीय बैंकों ने रिजर्व बैंक के सामने चिंता जताई थी. उनका कहना था कि महंगाई और ब्याज दरों का संतुलन बनाए रखने के लिए लगातार रेपो रेट बढ़ाना ठीक नहीं. हालांकि, हमारा काम यहीं खत्म नहीं होता. अगर हालात काबू में नहीं रहते तो एमपीसी की अगली बैठक में रेपो रेट को फिर से बढ़ाया जा सकता है.
विकास दर का अनुमान बढ़ाया
गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि चालू वित्तवर्ष (2023-24) में भारत की विकास दर (GDP Growth) बढ़कर 6.5 फीसदी पहुंच जाएगी, जो पहले 6.4 फीसदी रहने का अनुमान था. बीते वित्तवर्ष यानी 2022-23 की आखिरी तिमाही में विकास दर 5.9 फीसदी पहुंच सकती है. पहले यह रेट 5.8 फीसदी रहने का अनुमान था. महंगाई भी चालू वित्तवर्ष में गिरकर 5.2 फीसदी पर आ सकती है. पहले इसके 5.3 फीसदी रहने का अनुमान था.