Covid and pneumonia: तीन साल से ज्यादा का समय बीत चुका है, लेकिन कोरोना वायरस खत्म नहीं हो रहा है. जब भी लगा है कि ये महामारी चली जाएगी तभी कोविड फिर से बढ़ने लगता है. एक्टिव मरीजों की संख्या 23 हजार से ज्यादा हो गई है. पॉजिटिविटी रेट भी बढ़ रहा है. खासतौर पर दिल्ली, महाराष्ट्र और केरल में वायरस खतरनाक बनता जा रहा है.
इन तीनों राज्यों में कोविड से हॉस्पिटलाइजेशन बढ़ रहा है. कुछ मरीजों में वायरस की वजह से निमोनिया की शिकायत भी देखी जा रही है. डॉक्टरों के अनुसार, निमोनिया फेफड़ों का संक्रमण है, जो इलाज न होने पर जानलेवा बन सकता है. कोविड की दूसरी लहर के दौरान भी अधिकतर मौतें निमोनिया के कारण ही हुई थी. अब फिर से कुछ मरीजों में ये परेशानी देखी जा रही है. बुजुर्गों और पुरानी बीमारी से पीड़ित लोगों में इससे खतरा हो सकता है.
मरीजों को हो रहा बैक्टीरियल निमोनिया
अब कोविड से हॉस्पिटलाइनजेशन थोड़ा बढ़ने लगा है. बुजुर्ग और दूसरी गंभीर बीमारियों के मरीज अस्पताल में भर्ती हो रहे हैं. हालांकि ऑक्सीजन लेवल में कमी या लंग्स में इंफेक्शन के केस नहीं आ रहे हैं, लेकिन जिस हिसाब से कोविड बढ़ रहा है. उसको देखते हुए अब लोगों को सतर्क होना चाहिए. वायरस म्यूटेट कर रहा है और लगातार नए वेरिएंट आ रहे हैं. ये वेरिएंट तेजी से फैल रहे हैं. ऐसे में कोविड को लेकर लापरवाही नहीं करनी चाहिए.
क्या बढ़ सकता है डेथ रेट?
इस सवाल के जवाब में कहे तो कोविड से हॉस्पिटलाइजेशन भले ही बढ़ रहा है, लेकिन डेथ रेट में इजाफा होने की आशंका नहीं है. अभी तक कोविड मरीजों में ऑक्सीजन की कमी के केस नहीं है. ऐसे में डेथ रेट बढ़ने का खतरा नहीं है. परेशानी केवल उन लोगों को होगी, जो पहले से ही कैंसर, एचआईवी, टीबी या फिर लिवर व किडनी की बीमारी से जूझ रहे हैं. ऐसे मरीजों को इस समय अपनी सेहत का विशेष ध्यान रखना चाहिए.
फिलहाल नए ओमिक्रॉन एक्सबीबी.1.16 वेरिएंट की वजह से केस बढ़ रहे हैं. ये वेरिएंट कमजोर इम्यूनिटी वालों को संक्रमित कर रहा है. वायरस का प्रसार एक से दूसरे व्यक्ति में हो रहा है, जिससे मामलों में इजाफा हो रहा है, लेकिन केस बढ़ने की स्पीड ऐसी नहीं है, जो किसी नई लहर का कारण बने. फिलहाल कुछ समय तक थोड़े केस बढ़ेंगे और जल्द ही पीक आ जाएगा.
बचाव कैसे करें?
सभी लोगों को मास्क का प्रयोग फिर से शुरू करना होगा. मास्क से वायरस से बचाव होगा. खातसौर पर अपने ऑफिस या फिर बाहर जाते समय इसको जरूर लगाएं. अगर आपको अस्थमा, ब्रोंकाइटिस या सीओपीडी की समस्या है तो मास्क ही बचाव है. इसके अलावा बुजुर्गों को भी इसका यूज जरूर करना चाहिए. ऐसा इसलिए क्योंकि इस समय वायरस का प्रसार बढ़ रहा है. वायरस कम्यूनिटी में फैल रहा है. ऐसे में ये हाई रिस्क वालों को निशाना बना सकता है.